चीन के नए विदेश मंत्री नियुक्त हुए किन गैंग, पद संभालने से पहले भारत को लेकर दिया था बड़ा बयान

चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग ने अमेरिकी मैग्जीन द नेशनल इंटरेस्ट के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि नई दिल्ली के साथ बीजिंग संबंध सुधारना चाहता है। वांग यी की जगह लेने से कुछ दिन पहले किन ने “हाउ चाइना सीज द वर्ल्ड” नामक एक लेख में भारत-चीन सीमा मुद्दे का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष स्थिति को सामान्य करने और संयुक्त रूप से अपनी सीमाओं पर शांति की रक्षा करने के इच्छुक हैं।’

हाल ही में हुई थी भारत-चीन की बैठक

हाल ही में भारत और चीन ने 20 दिसंबर, 2022 को चीनी की तरफ चुशूल-मोल्दो बॉर्डर मीटिंग प्वांट पर कोर कमांडर स्तर की 17वें दौर की बैठक हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की थी। विदेश मंत्रालय (MEA)ने एक बयान में कहा, ‘दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने के साथ ही सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत करने पर सहमत हुए हैं। साथ ही दोनों पक्ष जल्द से जल्द शेष मुद्दों के आपसी तरीके से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर भी समहमत हुए हैं।’

ताइवान के मामले में चीन ने अमेरिका को ठहराया दोषी

इस बीच किन ने ताइवान विवाद को लेकर अमेरिका और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के लिए जापान को दोषी ठहराया। किन ने लिखा, ‘चीन के विकास का मतलब शांति के लिए एक मजबूत शक्ति है, न कि ‘यथास्थिति को तोड़ने’ के लिए तैयार एक बढ़ती हुई शक्ति, जैसा कि कुछ लोग कहते हैं। ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव चीनी मुख्य भूमि द्वारा यथास्थिति को तोड़ने से नहीं हुआ है। उन्होंने लिखा कि ‘ताइवान’ स्वतंत्रता’ अलगाववादी और बाहरी ताकतें ‘एक चीन’ की यथास्थिति को लगातार चुनौती दे रही हैं।’

पूर्वी चीन के मामले में जापान पर खड़े किए सवाल

किन ने आगे लिखा, ‘पूर्वी चीन सागर के मामले में जापान ने दस साल पहले “यथास्थिति” को बदलकर दियाओयू डाओ का ‘राष्ट्रीयकरण’ करने का प्रयास किया था। जबकि चीन और जापान मतभेदों को दूर करने के लिए सहमत हुए थे। दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति यह है कि क्षेत्रीय देश आचार संहिता पर परामर्श कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र के लिए सार्थक और प्रभावी नियम बनेंगे।’