ऊर्जा से उन्नति की रोशनी फैलाता छत्तीसगढ़

नया साल, नई सुबह और नया संकल्प। ऐसे ही संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ नए वर्ष में प्रवेश कर रहा है। शिक्षा , स्वास्थ्य , रोजगार जैसे अहम क्षेत्र में प्रदेश के लोगों को नए प्रयोग और प्रयास नजर आएंगे। वहीं इन सभी के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले विद्युत के क्षेत्र में भी बहुत कुछ नया देखेंगे। ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयारी की जा रही है। विकास का पहिया ऊर्जा की शक्ति से घूमता है इस बात को ध्यान में रखकर नए साल की तैयारी प्रदेश में शुरू हो चुकी है।   

राज्य गठन के बाद  प्रदेश ने प्रगति के कई सोपानों को तय किया है। प्रगति के महत्वपूर्ण पड़ावों को छूआ और अब उस प्रगति को निरंतरता देने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के विकास का पहिया विद्युत की गति से चलता रहे, इसके लिए हमारी ऊर्जा जरूरतों की समय पर उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है। छ्तीसगढ़ ने ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के संतुलन को बनाए रखते हुए अपने विकास तंत्र को विकसित किया है। राज्य में बिजली का व्यापक तंत्र विकसित हो चुका है। हम अब आत्मनिर्भरता से आगे निकलकर देश के अन्य राज्यों के विकास को ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। बिजली क्षेत्र में विगत दो दशकों का विकास किसी अन्य राज्य के लिए अध्ययन का विषय हो सकती है।


नए साल में अब नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का समय है। छत्तसीगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके लिए अधोसंरचना के विकास के साथ ही बेहतर प्रबंधन और प्रौद्यौगिकी का समावेश कर उपभोक्ता सेवा को अधिक सरल,सुलभ और सुदृण बनाना है। इस वर्ष पॉवर कंपनी तीन नए अहम कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ने जा रही है। इसमें कुछ के परिणाम तत्काल दिखेंगे तो कुछ कार्य भविष्य को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं।

1320 मेगावॉट का आधुनिक ताप विद्युत संयंत्र
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। कोरबा पश्चिम में उपलब्ध भूमि पर 660 मेगावॉट की सुपर क्रिटीकल विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना किया जाना है। इस संयंत्र की स्थापना के लिए राज्य शासन की अनुमति मिलने के बाद औपचारिकताओं को पूरा करने की दिशा में कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही है। इस संयंत्र के 2030-31 में में शुरू होने की संभावना है। इसके साथ ही विद्युत कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 4300 मेगावॉट हो जाएगी।



7700 मेगावॉट पन बिजली उत्पादन
तकनीक के जरिए संसाधनों का बेहतर उपयोग कर ऊर्जा की बचत और इसका अधिकतम उपयोग किया जा सकता है। ऐसे ही प्रयोग पॉवर जनरेशन कंपनी विद्युत उत्पादन के लिए करने जा रही है। पंप स्टोरेज तकनीक के माध्यम से प्रदेश में 7700 मेगावॉट बिजली उत्पादन की तैयारी है। बाँधों में जमा पानी को अभी जबकि छोड़ने पर एक ही बार बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है  फिर वह बह कर नदी और नहर में चला जाता है । लेकिन अब तैयारी है कि छोड़े पानी को रोककर फिर उसे ऊपर पंप किया जाएगा और फिर टरबाइन के जरिए विद्युत का उत्पादन होगा। तैयारी इस बात की है कि इस वर्ष से ही इस तकनीक के सहारे विद्युत उत्पादन शुरू होगा और बिजली के मामले में संपन्न हमारा प्रदेश और सशक्त होकर उभरेगा।

स्मार्ट मीटर से मजबूत होगी वितरण व्यवस्था
आज विद्युत उत्पादन , पारेषण तथा वितरण के दौरान हानि बहुत होती है। बहुत से उपायों के जरिए इन हानियों को कम करने का प्रयास किया जाता है बावजूद इसके वितरण हानि आज भी देशभर में औसतन 17 प्रतिशत तक है जिसे न्यूनतम स्तर पर लाने की जरूरत है। इसी कड़ी में एक प्रयास है स्मार्ट मीटर व्यवस्था । प्रदेश के 61 लाख विद्युत उपभोक्ताओं में से 54 लाख घरेलू , व्यवसायिक तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं के पूराने मीटरों के स्थान पर प्रीपेड विद्युत मीटर लगाने का काम इसी वर्ष शुरू हो जाएगा। कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी वर्ग के उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा। इस प्रयोग से जहाँ वितरण हानि कम होगी वहीं उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने में सहायक होगी। यह व्यवस्था उपभोक्ता और वितरण कंपनी दोनों को अधिक जिम्मेदार बनाएगी और विद्युत की इस शक्ति के बेहतर और सार्थक उपयोग के लिए आम उपभोक्ता को प्रेरित करेगी।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी का प्रदेश की उन्नति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।  पॉवर कंपनी के हजारों कर्मचारियों की लगन जब विद्युत ऊर्जा के रूप में हजारों किलोमीटर तारों में प्रवाहित होती है तब विकास का पहिया तेजी से घूमने लगता है। सतत निगरानी और रखरखाव तंत्र की मुस्तैदी शहरों से दूरस्थ अंचलों तक के हर छोटे- बड़े घरों का अंधेरा दूर कर उजाला फैलाती है।

उन्नति के शिखर पर पहुँचने के लिए बिजली का मजबूत और व्यापक तंत्र एक सीढ़ी है। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। उत्पादन के साथ-साथ उसके पारेषण को अधिक मजबूत करने में सफलता भी मिली। पारेषण हानि को नियंत्रित करते हुए वितरण हेतु गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित किया गया है। हमारे उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर तथा नए उपकेन्द्रों को निरंतर ऊर्जीकृत किया जा रहा है।

बीते 22 वर्षों में पॉवर कंपनी के कार्य का विस्तार कई गुणा हुआ है। पॉवर कंपनी के कार्य की व्यापकता को इससे बेहतर समझ सकते हैं कि राज्य गठन के समय जहाँ 19 लाख घरेलू उपभोक्ता थे वहीं आज 61 लाख उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण बिजली की निरंतर आपूर्ति का दायित्व विषम परिस्थितियों में भी पूरा कर पा रहे हैं।  उपभोक्ता सुविधा के विस्तार की दिशा में भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर श्रेणी के उपभोक्ताओं की सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा रहा है। महत्वाकांक्षी हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ अब दिखने लगा है । 42 लाख से अधिक से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले घरों में इस छूट का बड़ा अर्थ होता है।  

नए वितरण उपकेन्द्रों के ऊर्जीकृत होने से लेकर मोर बिजली एप, स्काडॉ सिस्टम, नए एटीपी केन्द्रों, कॉमन सर्विस सेन्टर, पे पाइंट सेंटर की सुविधा ने उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी कार्यों को सुगम बनाया है। उपलब्धियाँ गर्व का अनुभव कराती हैं तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है।  पॉवर कंपनी अपनी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सदैव तत्पर रहा है। नए वर्ष में एक संकल्प यह भी लेने की आवश्यकता है कि हम लोगों की समस्याओं को लेकर अधिक संवेदनशील रहें। प्रतिक्रियाओं को लेकर उदासीनता उपभोक्ताओं को दूर करेंगी और व्यवस्था प्रभावित होंगी। ऐसे में जमीनी कार्यबल से लेकर ऊच्च स्तर में बैठे कंपनी के अधिकारी की भूमिका कंपनी की प्रगति में महत्वपूर्ण है।  

बिजली के अदृश्य होते हुए भी वह सबके जीवन को रोशन करने वाली है। उन्नति की हर कहानी में बिजली एक किरदार है। बिजली की जरूरतें और उसकी उपलब्धता समय की मांग के अनुरूप बदली , नए स्रोतों की तलाश हुई और और हर किसी के लिए सुलभ बनाई गई। परंपरातगत ताप विद्युत से पन बिजली, सौर ऊर्जा, नाभकीय ऊर्जा के तमाम स्त्रोत आखिरकार मानव जीवन को अधिक आसान और सुखमय बनाने के लिए है। बिजली की सुलभता और उसके उपयोग के तरीकों में निरंतर बदलाव हुए हैं। संपन्न वर्ग की सीमाओं में ही कैद न रहकर बिजली ने आम और कमजोर वर्ग के भेद को मिटाकर सभी के जीवन को रोशन किया है। प्रदेश में किए जा रहे ऐसे ही प्रयासों का साक्षी बनेंगे हम और यह नया वर्ष।