मुंबई,18 दिसम्बर । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति मे रविवार को P15B स्टेल्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आइएनएस मोरमुगाओ नौसेना में शामिल हो गया है। INS Mormugao को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना का हिस्सा बनाया गया। बता दें कि INS Mormugao का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है। इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई ने किया है।
INS मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि INS मोरमुगाओ भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोत में से एक है। ये भारत की समुद्री क्षमता में बढ़ोतरी करेगा। उन्होंने कहा कि MDSL द्वारा तैयार यह युद्धपोत हमारी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करती है। इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है, कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए, बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे।
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि पिछले दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हमारे द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का संकेत है। नौसेना में शहरों के नाम पर जहाजों के नाम रखने की परंपरा है, जो दोनों के बीच एक स्थायी संबंध को बनाता है। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि आज स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में आज का दिन एक और मील का पत्थर है। हमने INS विशाखापत्तनम को एक साल पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया था।
इस शानदार पोत (INS Mormugao) की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और इसका वजन 7400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है, जो सीओजीएजी पैमाने के हैं। INS Mormugao पलक झपकते ही 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है। कोई भी राडार पोत को आसानी से नहीं पकड़ सकता है।
INS Mormugao की ये है खासियत
जानकारी के अनुसार, गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर इसका नाम मोरमुगाओ रखा गया है। यह पोत पहली बार 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतरा था। इसी दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे हुए थे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, INS Mormugao ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसके अलावा INS Mormugao में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ भी लगा है। जो हवा में ही लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा लेता है।
बता दें कि INS Mormugao की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है। इसके अलावा INS Mormugao में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी है। INS Mormugao आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम है। इसकी अनोखी विशेषता यह है कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है और इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्मित किया गया है।
बता दें कि INS Mormugao में जमीन से जमीन व जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, तारपीडो ट्यूब्स और लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली, स्वचलित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन युद्धक प्रणाली और बो माउंटेड सोनार शामिल है। इससे पहले पिछले साल आईएनएस विशाखापत्तनम को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
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