नई दिल्ली (वीएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को शिलांग पहुंचे। वहां वह मेघालय के शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में भी शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस स्वर्ण जयंती समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस समारोह में बोलते हुए कहा कि हमने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में NEC की बैठक संपन्न की है। प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल NEC के कार्यों की सराहना की है बल्कि क्षेत्र के विकास का रोड मैप भी तैयार किया है। उन्होंने कहा कि अगर आप 8 साल पहले मौजूद पूर्वोत्तर और आज मौजूद पूर्वोत्तर की तुलना करें तो आप पाएंगे कि नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर शांति और विकास की राह पर चल रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे पहले, पूर्वोत्तर के लिए बजट आवंटित किया गया था, लेकिन लागू नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद कई बदलावों के साथ बजट आज गांवों तक पहुंचा है और इसे वास्तविक काम में बदलते हुए देखा जा सकता है।’
उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले पूरा पूर्वोत्तर शटडाउन, हड़ताल, बम विस्फोट और गोलीबारी के लिए जाना जाता था। विभिन्न संगठनों के उग्रवादियों ने पूर्वोत्तर के लोगों को प्रभावित किया, स्थानीय पर्यटन और उद्योग भी नहीं बढ़ रहे थे। 8 वर्षों के भीतर उग्रवाद की घटनाओं में 74% की गिरावट देखी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोतर में सुरक्षाकर्मियों पर हमलों की घटनाओं में 60 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने कहा कि यहां नागरिकों की मौतों का का आंकड़ा 89 प्रतिशत कम हो गया है और लगभग 8,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण किया है और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए चुना है। यह पीएम नरेंद्र मोदी की एक बड़ी उपलब्धि है।
अमित शाह ने कहा कि अब हर 15 दिन में एक मंत्री नॉर्थ ईस्ट का दौरा करते हैं और नरेंद्र मोदी ने PM बनने के बाद 50 से ज्यादा बार इस क्षेत्र का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि DONER का गठन अटल जी ने किया था और अब PM मोदी ने सुनिश्चित किया कि सभी बड़ी परियोजनाएं समय पर पूरी हों।
उन्होंन कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर में लगातार शांति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले, AFSPA को निरस्त करने के लिए बहुत मांगें की गई थीं। अब, किसी को मांग करने की आवश्यकता नहीं है। इस मामले में दो कदम आगे रहकर सरकार AFSPA को निरस्त करने की पहल कर रही है।
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