ब्रोशर के मुताबिक फ्लैट में नहीं दी सुविधा, उपभोक्ता आयोग ने ब्याज समेत पैसा लौटाने का दिया आदेश

रायपुर, 16 दिसम्बर  ब्रोशर के मुताबिक फ्लैट में सुविधा नहीं दोने के कारण उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर के खिलाफ फैसला सुनाया है। आयोग ने परिवादी को ब्याज समेत पैसा लौटाने का आदेश बिल्डर को दिया है। बिल्डर को एक महीने के अंदर पीड़ित को क्षतिपूर्ति के तीन लाख रुपये और वाद व्यय के 10 हजार रुपये देने का आदेश दिया है।

राज्य उपभोक्ता आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 22 नवंबर 2014 को कोरबा जिले की निवासी प्रतिभा सोनी समेत उनके दो स्वजनों ने चार लाख रुपये अग्रिम भुगतान कर निर्माणाधीन आनंदम अपार्टमेंट में फ्लैट क्रमांक-ए 103 खरीदने अनुबंध किया था। फ्लैट निर्माण के दौरान भी परिवादियों ने कुल 25 लाख 34 हजार 876 रुपये जमा किए थे। अनुबंध के मुताबिक भूमिराज रियल इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रालि. के प्रमोटर व बिल्डर नीरज पटेल, मक्खन सिंह धंजल (आनंदम अपार्टमेंट)को फ्लैट निर्माण पूरा करके नौ महीने के भीतर आधिपत्य देना था।

वहीं बिल्डर ने ब्रोशर में किए गए वादे के अनुसार व्यक्तिगत पार्किंग,रूपटाफ कम्युनिटी सेंटर का निर्माण नहीं किया गया। व्यक्तिगत पार्किंग के स्थान को गार्डन बना दिया। विजिटर पार्किंग की जगह को बिल्डरों ने अपने नाम पर नियमित कराकर वहां पर दो मंजिला भवन बना दिया। यहीं नहीं सौर उर्जा उपकरण, अग्निशमन की व्यवस्था अमानक स्तर पर की। यह देखकर परिवादी ने बिल्डरों से फ्लैट के स्थान पर जमा पैसा ब्याज समेत वापस मांगा तो बिल्डर ने 15 दिन के बाद बुकिंग रद करने पर पैसा वापस करने से मना कर दिया।इसके बाद परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में बिल्डर की सेवा में कमी की शिकायत के साथ परिवाद पेश किया था।

तय तिथि में रुपये नहीं लौटाने पर नौ प्रतिशत की दर से देनी होगी राशि

आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि बिल्डर ने सेवा में कमी की है। लिहाजा परिवादी द्वारा जमा की गई पूरी राशि छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज समेत देने, क्षतिपूर्ति 30 हजार रुपये वाद व्यय व्यय दस हजार रुपये का भुगतान एक महीने के भीतर करने का आदेश दिया। एक महीने के भीतर पैसा नहीं देने पर बिल्डर को नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज अतिरिक्त देना होगा। इसी तरह से एक अन्य परिवाद में इन्हीं बिल्डरों के खिलाफ आयोग ने समान आदेश पारित किया है।