बालोद ,15 दिसम्बर । कलेक्टर कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु योजना) अंतर्गत शासकीय एवं शासकीय अनुदान प्राप्त सभी शालाओं, आश्रमों एवं आवसीय छात्रावासो एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दल द्वारा किया जा रहा है तथा विभिन्न कैटेगरी अंतर्गत चिन्हांकित बच्चों का उपचार शासकीय तथा अनुबंधित चिकित्सालयों में किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चिरायु योजना के अंतर्गत माह अगस्त 2014 से नवंबर 2022 तक बालोद जिले के कुल 23,177 बच्चे विभिन्न कैटेगरी अंतर्गत बीमारी से ग्रसित पाए गये, जिनमें से कुल 22,154 बच्चों का ईलाज किया गया है, इलाज का कुल प्रतिशत 96 रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुछ बच्चे जिनका इलाज चिरायु योजना के तहत हुई है, उनके परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उन्होंने बताया कि ग्राम नैकुरा के लक्की जिसका पैर जन्म से ही मुड़ा हुआ था, पैर मुड़ा होने के कारण चलने में परेशानी होती थी। 20 अप्रैल को पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरूर में जांच हुआ। चिरायु दल द्वारा चिन्हांकित कर मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में 8 बार प्लास्टर कराया गया, अब बच्चे का पैर सीधा है, व लक्की अब ठीक से चलेगा।
इसी प्रकार ग्राम भरदा की अल्फीना, पिता शेख इकबाल जब तीसरी कक्षा में थी, तब एक आंख में चोट लग गयी थी, जिससे दिखने में परेशानी होती थी व कम दिखता था। चिरायु दल के द्वारा स्कूल में परीक्षण के दौरान पता लगा कि बच्चे को देखने में परेशानी होती है। चिरायु दल एवं नेत्र विभाग गुरूर के द्वारा अल्फीना की जीमच व मेकाहारा रायपुर में ईलाज कराया गया, अब अल्फीना की दृष्टि में सुधार है। उन्होंने बताया कि जिले में कार्यरत चिरायु टीमों द्वारा बच्चों को अस्पताल ले जाकर व उपचार की प्रक्रिया पूर्ण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा अपनी कर्तव्य निष्ठा का परिचय दिया है, जो कि सराहनीय है।
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