शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है मानव संसाधन की गुणवत्ता : राष्ट्रपति

नई दिल्ली,10 दिसम्बर । राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति उसके मानव संसाधन गुणवत्ता पर निर्भर होती है और मानव संसाधन की गुणवत्ता शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। उन्होंने दून विश्वविद्यालय से ‘आज का युवा कल का भविष्य है’ के आदर्श वाक्य पर चलते हुए गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति ने इसका उल्लेख किया कि दून विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र ऐसा संस्थान है, जहां छात्रों को पांच विदेशी भाषाएं- चाइनीज, स्पेनिश, जर्मन, जापानी और फ्रेंच पढ़ाई जाती हैं। इसके अलावा छात्र यहां तीन स्थानीय भाषाओं- गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी का भी अध्ययन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं की पढ़ाई को प्रोत्साहित करना, हमारी लोक संस्कृति की संरक्षण का सराहनीय प्रयास है। हमारी लोक भाषाएं हमारी संस्कृति की अमूर्त धरोहर है। विश्वविद्यालय को इस पहल को आगे बढ़ाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने इसका उल्लेख किया कि एनटीपीसी के सहयोग से दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी चेयर की स्थापना की गई है, जो राज्य के विकास के लिए नीति-निर्माण और क्षमता विकास के लिए समर्पित है। इसके अलावा राज्य के भौगोलिक, इकलोजिकल, आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न विषयों में शोध व अध्ययन के लिए डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध और अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया गया है। उन्होंने इन पहलों के लिए विश्वविद्यालय की सराहना कीं।राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में अनुसंधार व नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे छात्र तकनीकी कौशल से अधिक संपन्न हों और स्वयं रोजगार की तलाश करने के बजाए दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवाएं।