जन्म लिए बच्चे का वजन 5 हफ्ते के अन्दर 40 से 50 ग्राम बढऩा जरूरी है : डॉ. रूपल दलाल

जशपुरनगर , 01 दिसम्बर  जिला प्रशासन जशपुर की ओर से जिले में स्वास्थ्य व पोषण को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज कलेक्टोरेट के मंत्रणा सभा कक्ष में महिलाएं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ, बीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजन किया गया।

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए लोगों में जागरूकता लाना बेहद जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य और शिक्षा पर बेहतर कार्य करने के लिए कार्यशाला रखी गई है। जिले में बाल संदर्भ शिविर लगाकर और चिरायु टीम के द्वारा भी गंभीर बीमारियों से ग्रस्ति बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए अभियान की तरह कार्य किया जाएगा। जिले के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिनो का भी सहयोग लेकर कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अरूण पाण्डेय व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

आई.आई.टी. मुम्बई की प्रोफेसर व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रुपल दलाल की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनके द्वारा लगातार दो दिनों से क्षेत्र भ्रमण कर स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा की स्थिति का आकलन किया गया। विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण पश्चात स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा की जरूरतों पर आज कलेक्ट्रेट के मंत्रणा सभा कक्ष में सीडीपीओ, बी.एम.ओ. के साथ बैठक सह कार्यशाला का आयोजन कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की गई। जिससे बच्चों का पोषण स्तर में सुधार हो सके। साथ ही महिलाओं में व्याप्त खून की कमी को कम करने का प्रयास किया जा सके।

जन्म लिए नन्हें बच्चे को किस तरह दूध पिलाया जाना है प्रशिक्षण में बताया जा रहा है, ताकि विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा सकें। जिला में स्तनपान, पूरक आहार, माता का आहार, किशोरी का आहार पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जन्म के समय बच्चे का वजन 3 किलो 15 ग्राम होना जरूरी है। जन्म के तुरन्त बाद एक घंटे के अंदर मां को अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। ताकि बच्चों के सही प्रोटीन युक्त दूध मिल सके। उन्होंने बताया कि दूरस्थ अंचल में माँ को अपने बच्चे को किस प्रकार दूध पिलाना चाहिए इस संबंध में नये पद्धति बताई जा रही है, जिससे की बच्चे का वजन पहले 5 हफ्ते में 40 से 50 ग्राम बढऩे लगता है। 

6 माह के बाद बच्चे को अलग-अलग पाउडर बनाकर खिलाना चाहिए। जिसमें मुनगा पाउडर, कडी पत्ता, मुंगफली पाउडर, मशुर के पाउडर, कदू, ककडी के पाउडर बनाकर खिलाना चाहिए। जिससे बच्चे को पर्याप्त पौष्टिक आहार मिल सके। माँ को खाने में अंडा, पनीर, मछली, दही, दाले अतिरिक्त पोषक आहार भोजन में लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन के आहार में ये सब आहार शामिल करें। कार्यशाला में बताया गया कि स्वास्थ्य और पोषण, माता पोषण, शिशु बाल युवा पोषण के ऊपर 100 विडियो बना है। इसके साथ ही 15 अलग-अलग भाषाओं में वीडियो बनाकर स्वास्थ्य और पोषण पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जंक-फूड नहीं खिलाना चाहिए।