MP NEWS : दोस्तों के साथ गया था जबलपुर, वापस आया उसका शव, मां-बाप की टूट गई बुढ़ापे की लाठी

जबलपुर मेरा बेटा ही एक सहारा था जो कि मेरा और मेरी पत्नी के बुढ़ापे की लाठी था लेकिन भगवान को शायद यह मंजूर नहीं था कि वह बुढ़ापे में मेरी सेवा करें इसलिए भगवान ने उसे अपने पास बुला लिया। यह शब्द है एक बुजुर्ग बाप के जिसने कि अपने जवान बेटे की अपने मासूम नाती के हाथों आग दिलवाई है। मृतक अनिल ठाकुर को उसके परिवार से सड़क की तेज रफ्तार ने छीन लिया है। बीते शुक्रवार को नागपुर-रीवा हाईवे में हुए सड़क दुर्घटना में तेज रफ्तार बस ने अनिल ठाकुर और उसके दो दोस्त सुम्मी ठाकुर और नन्हें ठाकुर को रौंद दिया। घटना में तीनों की ही मौके पर मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद जबलपुर के बिंजौरी गांव के तीन परिवारों पर अचानक से ही दुखों का पहाड़ टूट गया। अनिल ठाकुर का परिवार पूरी आज poori तरह से बेसहारा हो गया है, घर में अनिल के बूढ़े मां-बाप, पत्नी और दो बच्चे हैं। जिन्हें कि आज भी यकीन नही है कि उनके बीच उनका अनिल नही है।

चरगंवा थाना के बिजोरी गांव में रहने वाले अनिल ठाकुर की मौत का आज भी उसके बूढ़े माता-पिता को यकीन नही हों रहा है। उनकी आंखों के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्हें इस बात का अफसोस हो रहा है कि आखिर किस घड़ी में उन्होंने अनिल को अपने साथियों के साथ जबलपुर जाने की अनुमति दी थी। मृतक अनिल के पिता करण ठाकुर ने बताया कि अचानक से ही जवान बेटे की मौत के बाद से परिवार टूट चुका है। घर का एकलौता कमाने वाला उन्हें छोड़कर जा चुका है। घर का मुखिया होने के साथ-साथ वह दो बेटों का बाप भी था। घटना के बाद से बहू जहां सदमे में चली गई है तो वहीं दोनों बेटों को यकीन नहीं हो रहा है कि उनके सिर से पिता का सहारा छिन गया है।

अनिल ठाकुर का एक बेटा अतुल छठवीं कक्षा में पढ़ता है जबकि दूसरा रितिक पांचवी क्लास में है। पिता को खोने के बाद दोनों बच्चे अपने आप को अनाथ महसूस कर रहे हैं। दबी जुबान में दोनों कहते हैं कि हमारे पिता की मृत्यु हो चुकी है और अब हम दादा-दादी और मां का सहारा बनेंगे। मृतक अनिल ठाकुर की गांव में ही 2 एकड़ जमीन है, उसी में खेती किसानी कर वह अपने बूढ़े मां-बाप पत्नी और दो बच्चों का भरण पोषण करते थे। शुक्रवार की शाम वह अपने दो दोस्त के साथ गए पर लौटकर वापस नही आए। अनिल के पिता ने बताया कि रात को फोन आता है कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है और उनकी हालत गंभीर है। जब तक मैं अपने बेटे को देखने के लिए मेडिकल कॉलेज जाता तब तक उसके प्राण-पखेरू उड़ चुके थे।

अनिल की बूढ़ी मां नीमा को तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनका इकलौता पुत्र उन्हें छोड़कर जा चुका है। अनिल की मां नीमा कहती है कि घर का एकमात्र सहारा उनका इकलौता बेटा अनिल ही था जो कि उन्हें छोड़कर जा चुका है, अब ऐसे में हम लोगों का कौन सहारा होगा। नाती छोटे हैं और बहू की इतनी बड़ी जिंदगी। हम बोलो का भी ठिकाना नहीं है कि हम कब तक जाएंगे। ऐसे में अब हमारा कोई सहारा नही है।

अनिल के साथ बाइक दुर्घटना में मृतक हुए बिंजौरी गांव के सुम्मी ठाकुर और नन्हे ठाकुर के परिवार वालों के हालात भी कुछ इस तरह के है। सुम्मी के मौत के बाद उनके पिता पूरी तरह से टूट चुके है। एक एकड़ जमीन है अब उसी के सहारे सुम्मी के पिता दसाई अपने नाती की पढ़ाई लिखाई का जिम्मा बूढ़े कंधो में उठा रखा है । सुम्मी के दो बेटे और पत्नी है जिन्हें वह अपने पीछे रोते- बिलखते छोड़ गए हैं।

25 नवंबर शुक्रवार की रात नागपुर-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज़ रफ्तार बस ने बाइक में सवार तीन लोगों को रौंद दिया। इस घटना को लेकर स्थानीय विधायक संजय यादव ने यातायात पुलिस और एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराया है। विधायक संजय यादव ने कहा कि जिस जगह घटना हुई है इससे पहले भी कई मर्तबा एक्सीडेंट हो चुके हैं। दुर्घटना वाले स्थान को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया पर यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई की दुर्घटना ना हो सके।

यह था घटनाक्रम

बीते शुक्रवार की रात चरगंवा थाना के बिजोरी गांव में रहने वाले सुम्मी ठाकुर, अनिल ठाकुर और नन्हे ठाकुर किसी काम से जबलपुर आए थे। बाइक में सवार होकर जब तीनों वापस अपने गांव जा रहें थे तभी नागपुर से रीवा तरफ जा रही यात्रियों से भरी बस ने तिलवारा थाना की जोधपुर चौराहे पर तीन को रौंद दिया, घटना में तीनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद परिजन मौके पर पहुंचे। घटना के बाद तिलवारा थाना पुलिस ने बस को जप्त कर चालक को हिरासत में ले लिया।

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