अपग्रेड होगा सैनिकों का कवच : स्टील कोर बुलेट्स से बचाव के लिए मिलेंगे नए जैकेट…

नई दिल्ली ,20 नवंबर। भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाने आतंकी अब आर्मर पियर्सिंग स्टील कोर बुलेट्स इस्तमाल कर रहे हैं। ये गोलियां मौजूदा बुलेटप्रूफ जैकेट्स को आसानी से भेद सकती हैं। इस खतरे को देखते हुए भारतीय सेना ने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के कवच को अपग्रेड करने का फैसला किया है। अब जो जैकेट सैनिकों को मिलेंगे, उनमे इन गोलियों को रोकने की पूरी क्षमता रहेगी।



भारतीय सेना ने अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए 62,500 बुलेटप्रूफ जैकेट प्राप्त करने के लिए निविदा जारी की है। ये जैकेट उन्हें स्टील कोर गोलियों से बचा सकेंगे। रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया के तहत इन जैकेटों के लिए दो अलग-अलग निविदाएं जारी की हैं। जिनमें एक सामान्य मार्ग के तहत 47,627 जैकेटों के लिए और दूसरी आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं के तहत 15,000 जैकेटों के लिए है। जिसे अगले तीन से चार महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा।

भारतीय सेना अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि 47,627 जैकेटों की दो खरीद चरणों में की जाएगी और इसके अगले 18-24 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। सेना द्वारा सूचीबद्ध विशिष्टताओं में कहा गया है कि बीपीजे एक सैनिक को 10 मीटर की दूरी से दागी गई 7.62 मिमी आर्मर-पियर्सिंग स्टील कोर गोलियों से बचाने में सक्षम होना चाहिए।

कश्मीर घाटी में कुछ घटनाओं में आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अमेरिकी कवच-भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों की बुलेटप्रूफ जैकेट को तोड़ने में सफल रहे। इन दो निविदाओं के माध्यम से खरीदे जा रहे जैकेट स्तर 4 के होंगे जिन्हें स्टील कोर बुलेट के खिलाफ प्रभावी माना जाता है और सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी अभियानों में तैनात सैनिकों को प्रदान किया जाएगा। सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि बल यह सुनिश्चित करेगा कि जैकेट भारत में बनाई गई हैं और सामग्री किसी भी विरोधी से नहीं ली गई है।