Gym जाने का सोच रहे हैं तो एक बार दिल की कुछ जांचें जरूर करा लें

कई बार हम सुनते हैं कि युवा व्यक्तियों को जिम में या खेल मैदान पर हार्ट अटैक आ गया। ऐसा होने के पीछे कई तरह के कारण है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है आपकी लाइफ स्टाइल क्या है। मेदांता हास्पिटल इंदौर के डाक्टर भरत रावत का कहना है कि अमेरिका हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि सप्ताह में ढाई से पांच घंटे माडरेट इंटेंनसिटी व्यायाम व्यक्ति के लिए काफी है। कई लोग दिखावे के चक्कर में आने से इससे ज्यादा व्यायाम कर लेते हैं। इसका शरीर को कोई लाभ नहीं मिलता।

डा. रावत का कहना है कि कई ऐसे लोग भी होते हैं जिन्हें हार्ट अटैक आने के कोई लक्षण नहीं होते। मेडिकल जांच में भी इसका अंदाजा नहीं लग पाता, लेकिन अचानक कोई बीमारी होने से हार्ट पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे हार्ट अटैक आने की संभावना बन सकती है। ऐसे पांच में से एक व्यक्ति होता है जिन्हें हार्ट अटैक आने का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। इस तरह के मामलों की संख्या पिछले कुछ समय में 20 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई है। हार्ट अटैक आने का कारण होता है कि दिल में खून की सप्लाई करने वाली तीन से चार मिलीमीटर चौड़ी नलियाें में ब्लॉकेज हो जाना। इसकी जांच ईसीजी और ब्लड टेस्ट के जरिये की जाती है और एंज्योग्राफी करके ब्लॉकेज को खोल दिया जाता है।

मुख्यत: ऐसे पांच कारण होते हैं जिससे हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है। इसमें परिवार की पुरानी हिस्ट्री, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्‍ट्राल और तंबाकू। डा. रावत कहते हैं कि अगर आप 35 साल से बड़े हैं तो आपको जिम जाने के पहले अनिवार्य रूप से एक बार कुछ जांचें करा लेना चाहिए। अगर ईसीजी, इको और टीएमटी के साथ ही आप लिपोप्रोटीन ए, एचए सीआरपी, क्रोनिक क्लेशियम जैसी जांच भी करा लेते हैं तो इससे बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है। अगर इन जांचों के परिणाम बेहतर आते हैं तो चिंता करने की बात नहीं, अगर परिणाम नकारात्मक आते हैं तो डाक्टर से सलाह लेकर दवाईयां शुरू कर सकते हैं। इससे आप गंभीर स्थिति में जाने से बच सकते हैं।

कई बार लोग लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं। एसिडिटी मानकर कई बार दर्द को अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन अच्छा होगा एक बार आप डाक्टर को दिखा दे। इंटरनेट पर इस तरह की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। वहां कई तरह की जानकारियां होती है जिससे आपकी परेशानी बढ़ सकती हैं इसलिए सावधानी से काम ले। जिम और खेल के मैदान में हार्ट अटैक के मामले बहुत कम होते हैं। आप बस कुछ सावधानी रखें और बिना चिंता के व्यायाम करें।