किसान ने ऑफ सीजन में की तरबूज की खेती, अब हो रहा है लाखों का मुनाफा

किसान अपनी फसलों के दामों को लेकर अक्सर परेशान रहते हैं. लेकिन अगर सही जानकारी और सही तरीके से खेती की जाए तो न सिर्फ ये परेशानी दूर हो सकती है बल्कि फायदा भी बढ़ सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. अकोला जिले के रहने वाले किसान अन्नता भीकाजी इंगले ने. किसान ने ऑफ सीजन में अपने पांच एकड़ में तरबूज लगाया था. और अब उन्हें इसका अच्छा उत्पादन और मुनाफा भी मिल रहा है. किसान के इस तरबूज की मांग महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों से भी होती है.वर्तमान में किसान को 17 रुपये प्रति किलो का रेट मिल रहा है. और इस समय बंगाल, हैदराबाद, केरला और कन्याकुमारी में तरबूज ट्रकों से भेजा जा रहा है.

किसान अन्नता भीकाजी ने बताया कि अभी हार्वेस्टिंग का काम चालू है. लेकिन अंदाजन 5 एकड़ में 100 टन तरबूज निकलेगा. अभी 17000 रुपये टन भाव मिल रहा है. जिसका उन्हें आगे 2.5 लाख रुपये तक मिलने की उम्मीद है. किसान ने बताया कि ऑफ सीजन में तरबूज और अच्छी क्विलटी का होने से इसका अच्छा दाम मिलता है.

बारिश में हुआ था नुकसान

किसान अन्नता भीकाजी ने बताया कि उन्होंने ने पहले जून और अगस्त महीने में भी अपने 10 एकड़ जमीन में तरबूज उगाए थे. लेकिन भारी बारिश की वजह से फसलों को नुकसान हो गया था. भीकाजी ने बताया कि 10 एकड़ में 150 टन तरबूज़ निकलता है, लेकिन बारिश और क्लाइमेट चेंज की वजह से उन्हें सिर्फ 10 टन उत्पादन ही मिला था. उसके बाद उन्होंने सितंबर में अपने 5 एकड़ में फिर से तरबूज लगाया और अब अच्छा भाव मिल रहा है.किसान पिछले पाँच साल से ऑफ सीजन में तरबूज की खेती कर रहे हैं.अकोला जिले में सिर्फ अन्नता भीकाजी ही ऑफ सीजन में तरबूज की खेती करते है.

कितनी लगात लगती है

अन्नता भीकाजी ने बताया कि वो ऑफ सीजन में न कि सिर्फ तरबूज की खेती करते हैं बल्कि वो पपीता, खरबूज की खेती भी करते है. तरबूज की खेती के लिए उन्हें एक एकड़ का कम से कम 70 से 80 हज़ार रुपये का खर्च आता हैं. भीकाजी ने बताया कि उन्हें ऑफ सीजन में इसका अच्छा दाम मिलता हैं. वो बारिश और ठंडी के मोसम में इन फलों की खेती करते हैं. किसान ने प्लास्टिक मल्चिंग विधी से खेती की है. और इससे फल की क्विलटी अच्छी रहती है.

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