दिव्यांग बच्चों की कौशलता ही जीने की नई उम्मीद : प्राचार्य स्मिता वी नायर

कोरबा,14 नवंबर । आम बच्चों की तरह मूक बधिर बच्चों को भी हर तरह की सुविधा लेने का अधिकार है। साधन सम्पन्न लोगों को इनकी मदद के साथ उनकी योग्यता से सीख लेने हमेशा तैयार रहना चाहिए। बाल दिवस के सुअवसर पर यह बात जैन पब्लिक स्कूल की प्राचार्या स्मिता बी नायर ने अपने स्कूल के छात्र छात्राओं संग दिव्यांग कौशल विकाश संबंद्धता कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि आम बच्चो से मिलना उन्हें शिक्षित करना,उन्हें मार्गदर्शित करना आसान होता है किंतु दिव्यांगता के साथ जीवन जीने की कला, पढ़ने की ललक, संगीत में माधुर्यता,कौशल विकाश में निपुडता दिव्य ज्योति के छात्र छात्रों को और मजबूत बनाती है। अपने आस-पास के मूक-बधिर,दिव्यांग बच्चों के स्कूल में जाकर समय बिताना सुखद अनुभव हैं।

समय के साथ खुद को तैयार कर चलने वाला हर रेस में आगे बढ़ता है। जहाँ माता-पिता संतान की दिव्यांगता को लेकर परेशान रहते हैं,दिव्य ज्योति का कार्य उत्साह देने वाली है। मूकबधिर युवतियां कंधे से कंधा मिलाकर सामान्य लोगों के साथ काम कर अपनी पहचान बना रही हैं। जो माता-पिता उन्हें बोझ समझते थे वे अब उनकी दास्तां बताने में गर्व महसूस करते हैं। मूक बधिर बच्चों के स्कूल में खाने-पीने व जरूरत का सामान वितरित किया गया। जैन पब्लिक स्कूल जैसे बड़े और महत्वपूर्ण विद्याल य के छात्र छात्राओं के साथ शिक्षिक शिक्षिकाओं का बाल दिवस के दिन दिव्यांग विद्यालय आकर कार्यक्रम करना सांस्कृतिक और संस्कृति को दर्शाती है वही विद्यालय के बच्चे भी दिव्य ज्योति विद्यालय के छात्रों की काबलियत देख खुद को निखारने उत्साहित दिखे।

दिव्य ज्योति स्कूल के छात्रों ने आगंतुक छात्रों और शिक्षिकाओं का स्वागत स्वयं से बनाये उपहारों से किया।कई बच्चों ने संगीत, नृत्य के माध्यम से मोहक प्रस्तुति भी दी।कार्यक्रम में दिव्य ज्योति स्कूल की चैयरमैन रीता क्षेत्रपाल सहित,जैन पब्लिक स्कूल की शिक्षिका भावना दुबे,महाबी,गिरिजा के साथ छात्र छात्राये उपस्थित थे ।