नौकरी का झांसा देकर गुरुजी ने चेले से ठगे साढ़े तीन लाख रुपये, थमाया दिया फर्जी नियुक्ति पत्र

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक शिक्षक ने अपने पढ़ाए छात्र को नौकरी लगवाने के नाम पर ठग लिया। शिक्षक ने अपने साथी के साथ मिलकर एफसीआई में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने का वादा दिया। इसके लिए उन्होंने साढ़े तीन लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया। जब युवक ने नियुक्ति पत्र पर बने क्यूआर कोड को स्कैन किया तो वह नहीं खुला। तब युवक को अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बारे में पता चला। जब बाकी के रुपये लेने गुरु जी और उसके साथी आए चेले ने पुलिस बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया। 

ये मामला देवा थाना क्षेत्र के नरैनी गांव का है। भानु प्रताप सिंह ने बताया कि कासिमगंज के रहने वाले उदयभान वर्मा ने उसे क्लास आठवीं तक पढ़ाया था। एक दिन उसकी मुलाकात शिक्षक उदयभान से हुई। बातचीत के दौरान गुरुजी ने बताया कि वह और उनके दोस्त कानपुर में रहते हैं। वहां दोस्त एफसीआई में सुपरवाइजर की नौकरी दिला देगा। हालांकि इसके लिए 12 लाख रुपये लगेंगे। बेरोजगार भानू को विश्वास दिलाने के लिए शिक्षक उदयभान ने बताया कि उसने अपनी पत्नी और साले की नौकरी रेलवे में लगवाई है। 

12 लाख रुपये में तय हुआ सौदा

भानु ने बताया कि शिक्षक उदयभान ने उसे कानपुर ले गया जहां उसने अपने दोस्त आलोक श्रीवास्तव से मुलाकात करवाई। पीड़ित ने बताया कि शिक्षक और दोस्त ने नगद और आरटीजीएस के माध्यम से करीब 3 लाख 55 हजार रुपये लिए। वहीं बाकी का पेमेंट नियुक्ति पत्र मिलने के बाद देने को कहा। 

गुरुजी ने चेले से पैसे लेने के दो तीन दिन बाद नियुक्ति पत्र देने को कहा। साथ में पांच लाख रुपये तैयार रखने की भी बात कही। तीन-चार दिन बाद भानु को कॉल करके आलोक ने बताया कि नियुक्ति पत्र आ गया है। उसने बकायदे इसकी फोटो खींचकर भानु को भेजी। भानु ने बताया कि नियुक्ति पत्र पर क्यूआर कोड छपा था जो स्कैन नहीं हो पा रहा था। इस पर उसे शक हुआ और भानु ने इसकी सारी जानकारी देवा थाने में दे दी। 

दूसरी तरफ भानु ने आलोक को फोन कर बताया कि क्यूआर कोड स्कैन नहीं हो पा रहा है। इस पर आलोक ने कहा कि हार्ड कॉपी से स्कैन होगा। गुरुजी ने नियुक्ति पत्र का हार्ड कॉपी भी भेजा लेकिन जब दोबारा स्कैन नहीं हुआ तो शक यकीन में बदल गया। भानु ने शिक्षक को कॉल कर रुपये लेने के लिए बुलाया। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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