जगदलपुर, 1 नवंबर। प्रदेश के साथ ही बस्तर जिले के धान खरीद केंद्रों में भी आज पहले दिन चालू खरीफ विपणन वर्ष में समर्थन मूल्य में धान खरीद की शुरुआत की गई है, लेकिन सरकारी धान खरीद के पहले दिन जिले के सभी 72 केंद्रों में बैठे वैकल्पिक कर्मचारी खाली बैठे रहे। किसानों के द्वारा धान लेकर खरीद केंद्र नहीं पंहुचने की वजह से कोई काम इनके पास नहीं रहा। वहीं दूसरी ओर सहकारी समितियों के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल कहीं न कहीं सरकारी धान खरीद में परेशानी का सबब बन रहा है, जिसके चलते किसानों को धान बेचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
कर्मचारियों का कहना है कि, जब तक मांगे सरकार पूरी नही करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सहकारी समितियों के कर्मचारियों से प्रशासन की तीन दौर की चर्चा विफल रही है। इधर कमिश्नर श्याम धावड़े और कलेक्टर चंदन कुमार ने नानगुर तथा बड़े मुरमा के धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया और खरीद व्यवस्था का जायजा लिया, और धान खरीद के लिए समितियों में की गई तैयारियों से संतुष्टि जताई।
बस्तर जिले में इस वर्ष लंबे अंतराल तक बारिश हाेने से धान की फसल कटाई का दौर इन दिनों जोरों पर है। किसान फसल की कटाई के साथ ही उसे खलिहान तक पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं ऐसे में शुरुआत के 1 सप्ताह तक बोहनी की भी उम्मीद नहीं की जा रही है। देर से कटाई शुरू होने से प्रशासनिक स्तर पर की गई वैकल्पिक व्यवस्था से सहकारी समितियों के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से निपटने का कुछ वक्त जरूर मिल गया है, लेकिन यह व्यवस्था स्थाई समाधान नही हो सकता है, उम्मीद भी यही की जा रही है कि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांगों पर तब तक सरकार कुछ हल निकाल लेगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में 51239 पंजीकृत किसानों से धान खरीद के लिए 72 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। धान खरीद के लिए जिले में बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है। कांटा बाट, कम्प्यूटर, नमी मापक यंत्र सहित अन्य आवश्यक सामग्री का सत्यापन कर लिया गया है। धान खरीद के दौरान धान के अवैध परिवहन, भंडारण और व्यापार पर नियंत्रण के लिए भी जांच नाका और उड़न दस्ता दलों का गठन किया गया है।
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