न्यायमूर्ति भादुड़ी ने किया देश की पहली ‘जेल लोक अदालत’ का शुभारंभ

रायपुर ,15 अक्टूबर। छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर के तत्वाधान में 15 अक्टूबर को केन्द्रीय जेल रायपुर में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का शुभारंभ व्हीसी के माध्यम से न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायमूर्ति, छगउच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छगराज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के द्वारा प्रातः 11.00 बजे से राज्य के समस्त 23 जिलों एवं विभिन्न जेलों में किया गया।

उद्घाटन अवसर पर न्यायमूर्ति के अलावा प्रमुख रूप से  संतोष शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायपुर, संजय पिल्ले महानिदेशक जेल सुधारात्मक सेवाऐं छग रायपुर, आनंद प्रकाश वारियाल सदस्य सचिव छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर, भूपेन्द्र वासनीकर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर, प्रवीण मिश्रा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर,, एम.एन.प्रधान जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल रायपुर उपस्थित रहे।  कार्यक्रम का संचालन छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्रािधकरण, बिलासपुर की ओर से न्यायाधीश श्रीमती नेहा यति मिश्रा द्वारा किया गया तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा अभिनंदन करते हुए संजय पिल्ले द्वारा जेल सं संबंधित विभिन्न जानकारी प्रदान की तथा कार्यक्रम में आनंद प्रकाश वारियाल, सदस्य सचिव, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा आभार प्रदर्शित किया गया।  

जेल लोक अदालत के उक्त शुभारंभ अवसर पर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने केन्द्रीय जेल एवं सुधारात्मक गृह रायपुर द्वारा निर्मित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर तथा एम.के.जी.फाऊण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में केन्द्रीय जेल एवं सुधारात्मक गृह, रायपुर में नवनिर्मित शुद्ध पेयजल संयंत्र का लोकार्पण किया गया।

केन्द्रीय जेल रायपुर में आयोजित उक्त राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत के शुभारंभ के अवसर पर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में लंबित सोनाधर वि. छ.ग. राज्य में दिये गये निर्देशों के परिपालन में पूरे देश में छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा उक्त अदालत का आयोजन किया गया और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा छ.ग. के माॅडल के आधार पर अन्य राज्यों को भी जेल में निरूद्ध बंदियों को जेल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करने का निर्देश दिया है।  उनके द्वारा अपने उद्बोधन में प्ली बार्गेनिंग, अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी तथा विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों के सुगमता से निराकरण के कई कानूनी पहलुओं की जानकारी भी साझा की गई।  उन्होंने कहा कि छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हर निरूद्ध बंदी के लिए सदैव विधि अनुसार सहयोग करने के लिए तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।  

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर द्वारा एम.के.जी.फाउण्डेशन, रायपुर के माध्यम से उन बंदियों का जुर्माने की राशि को आज जेल लोक अदालत में जमा कराया गया, जो मामूली राशि के कारण जेल में निरूद्ध थे।  कुल 10,000/- रूपये अर्थदण्ड जमा किया गया।   जिसका लाभ बंदियों को प्राप्त होगा। न्यायमूर्ति द्वारा जेल में निरीक्षण के दौरान पाक शाला का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा निरूद्ध बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दिये जा रहे भोजन का निरीक्षण किया और स्वयं भोजन की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु भोजन को ग्रहण भी किया गया।  न्यायमूर्ति द्वारा पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के उद्देश्य को लेकर जिला जेल में जेल लोक अदालत के माध्यम से आज रिहा होने वाले बंदियों को निःशुल्क वन विभाग के माध्यम से उपलब्ध फलदार वृक्ष को भी प्रदान किया।  

केन्द्रीय जेल रायपुर एवं जेल गरियाबंद में आयोजित राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट/न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी रायपुर/गरियाबंद के न्यायालय में लंबित ऐसे बंदियों के प्रकरणों जिनमें बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार किया गया ;च्समंक ळनपसजलद्ध प्ली-बारगेनिंग एवं शमनीय मामलों का निराकरण (रेल्वे कोर्ट में लंबित मामलें सहित) किया गया साथ ही ऐसे बंदी जिन पर ’’प्रतिबंधात्मक धाराओं’’ से संबधित मामले दर्ज थे उनके प्रकरणों के निराकरण अनुविभागीय दण्डाधिकारी की पृथक से गठित खण्डपीठ में किया गया, जिसके तहत जिला न्यायालय में 04 खण्डपीठ तथा अनुविभागीय दण्डाधिकारी, रायपुर की 01 पृथक से खण्डपीठ इसी प्रकार न्यायिक तालुका न्यायालय गरियाबंद हेतु 02 खण्डपीठ एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी गरियाबंद की पृथक से 01 खण्डपीठ का गठन किया गया।  राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत में कुल 85 मामलें निराकृत हुए। उक्त जानकारी प्रवीण मिश्रा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर के द्वारा प्रदान की गयी।