देश सेवाभाव ही कर्म संकल्पे रहे : अनुसुईया उइके

वर्धा,03अक्टूबर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि देश सेवाभाव ही कर्म संकल्प  होना चाहिए। राज्यपाल उइके रविवार को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर ‘स्वराज्य, सुराज्य और स्वबोध का गांधी मार्ग’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन भी किया। अनुसुईया उइके ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर हिंदी विश्वविद्यालय आगमन से अभिभूत हुई हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों एवं प्रेरणा में राष्ट्र निर्माण की प्रत्येक भूमिका शामिल है। इस दृष्टि को समाहित करने के मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी देश को निष्ठापूर्वक विश्‍वगुरु बनने के लिए योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय ने भी गांधी के कर्म और विचार दृष्टि से अनेक कार्य किए हैं जो अद्वितीय हैं। हिंदी विश्वविद्यालय के विस्तार और कार्य प्रवाह ने देश दुनिया में भाषासं‍स्कृति का निर्माण किया है। इस क्रम में दीपोत्सव गांधी के विचार स्मरणीय हैं और यह उल्लास, उमंग और संकल्प से प्रेरित एक वैश्विक प्रतिबिंब है। संगोष्ठी  के उपरांत गांधी हिल्स पर दीपोत्सव का शुभारंभ राज्‍यपाल अनुसुईया उइके द्वारा किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के 25 स्थलों, शहर के 35 स्थलों तथा विश्वविद्यालय के तीनों क्षेत्रीय केंद्रों पर दीपोत्सव मनाया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल  ने संगोष्ठी  के स्वागत वक्तव्य में गांधी की मानवीय सभ्यता को स्वीकार और लोक स्थापत्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाले समय के देश-दुनिया के कठिन प्रश्नों  का उत्तर भी गांधी-मार्ग है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वर्धा के सांसद रामदास तडस ने कहा कि दीपोत्सव के माध्यम से समूचे भारत में वर्धा के हिंदी विश्वविद्यालय की गांधी दर्शन व वैचारिक दृष्टि का विस्तार हुआ है। अपने उद्बोधन में सांसद तडस ने कहा कि कुलपति प्रो रजनीश शुक्ल के नेतृत्व  व कार्य प्रवाह की उत्कृष्टता का प्रमाण उन्हें  समूचे भारत में वर्धा की उपलब्धियों को प्रकट करता है। संगोष्ठी में उपस्थित विशिष्ट अतिथि डॉ. रामदास आंबटकर ने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्यों में सामूहिकता और सामान्य व्यक्ति को जोड़ना हमारी ताकत है। इस दौरान हिंदी पखवाड़ा पर आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को राज्‍यपाल अनुसुईया उइके के हाथों पुरस्‍कृत किया गया। दर्शन एवं संस्कृति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयंत उपाध्याय ने संचालन तथा तथा कुलसचिव क़ादर नवाज़ खा़न ने आभार ज्ञापित किया। शुरुआत राष्‍ट्रगान, दीप दीपन, कुलगीत से किया गया तथा समापन राष्‍ट्रगान से किया गया। 

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