टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड, एयर इंडिया-विस्तारा के मर्जर को लेकर गंभीरता से मंथन कर रह हैं। सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइन को मर्जर करने के बाद एक नए ज्वाइंट वेंचर के तहत लाने की तैयारी हो रही है।
आपको बता दें कि विस्तारा एयरलाइन, सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह की ज्वाइंट वेंचर है। वहीं एयर इंडिया को इसी साल जनवरी में टाटा समूह ने अपने नाम किया है। टाटा ने 18000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया एयरलाइन का अधिग्रहण किया है।
क्या कहा सूत्र ने: टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच इस बात पर बातचीत चल रही है कि एविएशन में भारत के भविष्य के अवसरों का बेहतर लाभ कैसे उठाया जाए। कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर कैसा होगा, भविष्स क्या होगा, इन मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा हो रही है। यह संभव है कि एयर इंडिया और विस्तारा को एक नए ज्वाइंट वेंचर के तहत लाया जाए और इसमें सिंगापुर एयरलाइंस 25% तक की अल्पमत हिस्सेदारी रख सकती है। वहीं, मर्जर पूरा होने में लगभग एक साल लग सकता है। सूत्र के मुताबिक एयर इंडिया और विस्तारा का ज्वाइंट वैल्यूएशन कम से कम 30,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
इंडिगो को टक्कर: इस मर्जर का मकसद इंडिगो एयरलाइन को टक्कर देने की है। आपको बता दें कि घरेलू मार्केट में इंडिगो का दबदबा है और आसमान में इसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी ज्यादा है। मर्जर के बाद टाटा संस को अपने विमानन व्यवसाय बैलेंस शीट को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
वहीं ब्रांड का क्या होगा इसको लेकर सवाल बना हुआ है। हालांकि, टाटा संस और विस्तारा के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, एयर इंडिया को भेजे गए एक ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला, जबकि सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने कहा कि हम किसी भी गोपनीय चर्चा पर टिप्पणी नहीं करते हैं।
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