RAIPUR NEWS : रिश्वतखोर लेखापाल को रंगे हाथ पकड़ा ACB की टीम ने, रेडी टू ईट में कमीशनखोरी हुई उजागर

रायपुर,27 सितम्बर। एंटी करप्शन ब्यूरो की अंबिकापुर टीम ने रिश्वत की मांग करने वाले रविशंकर खलखो, सहायक ग्रेड-02/ लेखापाल, कार्यालय परियोजना अधिकारी एकिकृत बाल विकास सेवा परियोजना, खड़गवां, वर्तमान जिला- मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर पूर्व जिला – कोरिया, छ.ग. को रंगे हाथ पकड़ा।

दरअसल यह मामला महिला एवं बाल विकास विभाग में मिलने वाले बच्चों के पोषक आहार रेडी टू ईट में होने वाली कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है। पूर्व में रेडी टू ईट बनाने का काम महिल स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाता था। जिन्हें रेडी टू ईट के एवज में हर महीने भुगतान किया जाता है। ऐसे ही एक समूह ने एसीबी अंबिकापुर में शिकायत की थी कि महिला स्वसहायता समूह के द्वारा वर्ष 2021-22 में रेडी-टू-ईट सामग्री का निर्माण एवं वितरण का कार्य किया गया था, जिसका 6 माह का बिल लगभग 9 लाख रूपये में से 2 लाख 50,000 रूपये का भुगतान किया जा चुका है एवं शेष राशि लगभग 6 लाख 50,000 रूपये प्राप्त करना शेष है।

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भुगतान के एवज में डेढ़ लाख रूपये की मांग

महिला समूह को 6 लाख 50,000 रूपये का भुगतान करने के एवज में कार्यालय परियोजना, अधिकारी एकिकृत बाल विकास सेवा परियोजना खडगवां में पदस्थ सहायक ग्रेड-02 / लेखापाल रविशंकर खलखो द्वारा 1 लाख 50,000 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। इस दौरान प्रार्थिया और आरोपी के मध्य 50-50 हजार रूपये कर किस्तों में 1, लाख रूपये देने की सहमति बनी। शिकायत की पुष्टि होने के बाद बाद आज मांगी गई रिश्वत की रकम 50 हजार रूपये लेते हुए रविशंकर खलखो को उसके कार्यालय में रंगे हाथ पकड़ा गया है।

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आरोपी रविशंकर खलखो को धारा-7(क). 12 0नि0अधि0 1988 के तहत गिरफ्तार करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। यह कार्यवाही एसीबी छत्तीसगढ़ रायपुर के निदेशक आरिफ एच. शेख के निर्देशन में एवं पंकज चन्द्रा पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू एसीबी के नेतृत्व एवं अमृता सोरी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी के मार्गदर्शन में की गई।बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग में इसी तरह की रिश्वतखोरी पूरे प्रदेश में चल रही थी। महिला समूहों को रेडी टू ईट के एवज हर महीने लाखों के भुगतान के बदले 10 से 20 प्रतिशत रिश्वत लिए जाने की परंपरा रही है। स्वाभाविक है. कि यह कमीशन बाबू से लेकर अधिकारियों के बीच बंटता है। ऐसे ही मामले में महिला समूह ने शिकायत की और रिश्वतखोरी पकड़ी गई और बाबू साहब फंस गए। वैसे अब रेडी टू ईट बनाने का काम महिला समूहों से वापस लेकर बीज निगम के सुपुर्द कर दिया गया है।

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