कोरबा ,23सितम्बर। इन दिनों भारतवर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए आदर्शों को स्मरण कर पूरे देश में सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत श्रमदान, स्वच्छता एवं स्वावलम्बन के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमआआयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा टाउनशिप में संचालित टाइनी काटेज-2 प्री प्राइमरी स्कूल स्कूल में शिक्षिकाओं द्वारा नन्हें मुन्ने बच्चों को बापू के जीवन से जुड़ी प्रेरक बातों से रूबरू कराते हुए ज्ञानवर्धन किया जा रहा है।
स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती पल्लवी आचार्या ने कहा कि गांधीजी को पूरा देश प्यार से बापू के नाम से जानता है, उन्होंने न सिर्फ हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि उनका पूरा जीवन ही एक सीख की तरह है। जिसके अगर कुछ हिस्से पर भी अमल कर लिया जाए तो हमारा पूरा जीवन संवर सकता है। खासकर बच्चे, अनगिनत प्रेरणाओं से भरी गांधीजी के जीवन की कहानी से इन अहम बातों को सीख सकते हैं। इस आयु में बच्चे मिट्टी के कच्चे घड़े की तरह होते हैं, जिन्हें आप जिस सांचे में ढालेंगे, वे बड़े होकर वैसा ही रूप लेंगे। इसलिए अगर अभी उनके कोमल मन-मस्तिष्क में एक महान नायक की प्रेरणा भर दें, तो कल वे देश के जिम्मेदार नागरिक तो बनेंगे ही, एक नायक बनकर देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाने को तैयार होंगे, जिन पर हम और आप ही नहीं, सारा देश गौरवान्वित होगा।
दिन की शुरुवात इस अच्छी सोच के साथ कि आज कुछ अच्छा सीखते हैं : श्रीमती आचार्या
श्रीमती आचार्या ने बताया कि विद्यालय में हर एक एक्टिविटी को कराया जाता है, जिसमें हमारी प्रत्येक शिक्षिका अपना महत्वपूर्ण योगदान अर्पित करते हैं।
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इनमें हमारी शिक्षिकाएं श्रीमती सपना, श्रीमती नर्मदादेवांगन, श्रीमती पिंकेश, श्रीमती सिया, श्रीमती पूर्णिमा व श्रीमती अर्चना समेत टाइनी कॉटेज की पूरी टीम लगन एवं उत्साह के साथ प्रयासरत रहतीं हैं। शुक्रवार की यह एक्टिविटी श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी। प्रेयर के दौरान या स्कूल कैम्पस में समय-समय पर आयोजित होने वाली इस तरह की गतिविधियों से बच्चों को हर दिन कुछ नया सीखाने का प्रयास करना, अपने देश के बारे में या जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं के बारे में बताना ही, हमारा उद्देश्य है। स्कूल की प्रार्थना सभा में जब सभी एक साथ होते हैं, तब ऐसे कार्यक्रम रखे जाते हैं। दिन की शुरुवात इस अच्छी सोच के साथ कि आज कुछ अच्छा सीखते हैं। सीखने की कोई उम्र नहीं होती और इस तरह बच्चों के साथ हम भी कुछ नई बातें प्रतिदिन सीखते हैं।
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