बदलते वक्त के साथ बच्चों के मन में भी ऐसी कई नेगेटिव बातें आ चुकी हैं, जो नहीं आनी चाहिए। जैसे, जिन छोटे बच्चों की लाइफ खेलने और अच्छी चीजें खाने तक सीमित रहती थी। उनके मन में अपने क्लासमेट से आगे निकलने की चाह रहती है। दोस्तों के अलावा अब बच्चे अपने भाई-बहनों से भी आगे रहने की होड़ रखते हैं।
ऐसे में कभी-कभी उनके मन में जलन जैसे नेगेटिव इमोशन भी जन्म ले लेते हैं। खासतौर पर अगर उनके भाई या बहन की तारीफ ज्यादा होती है, तो बच्चे उनसे चिढ़ना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस बात को लाइट न लेकर आपको इस पर ध्यान देना चाहिए वरना बड़े होने के साथ यह फीलिंग और भी स्ट्रॉन्ग होती जाएगी और भाई-बहनों की बॉन्डिंग कभी भी नहीं बन पाएगी।
आप अगर अपने बच्चे में यह चीज नोटिस करें, तो डांटने से पहले समझाएं कि आखिर वे अपने भाई-बहन के लिए ऐसी सोच क्यों रखते हैं? आप उन्हें बिना किसी डर के अपनी बातें सच्चाई के साथ कहने के लिए कहें। इससे बच्चा बिना डरे सच बोलेगा और आपको भी वजह समझ आएगी। वैसे, तो यह कहने वाली बात नहीं है कि पेरेंट के लिए सभी बच्चे बराबर ही होते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ कारणों के चलते पेरेंट को भी पता नहीं चलता कि वह एक बच्चे पर ज्यादा प्यार लुटा रहे हैं। ऐसा करने पर दूसरे बच्चे के मन में नेगेटिविटी आ जाती है।
आप बच्चों को साथ बैठाकर समझाएं कि उन्हें आप तभी प्यार करेंगे अगर सभी बच्चे आपस में प्यार करने के साथ एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे। बच्चों को समझाएं कि आप सभी से एक जैसा प्यार करते हैं। कोई भी ज्यादा या कम प्यारा नहीं है। ऐसी गेम्स या तरीके तलाशें, जिनसे बच्चों की बॉन्डिंग मजबूत हो। बच्चे अगर एक-दूसरे को समझ पाएंगे, तो उनके मन में जलन या नफरत नहीं बल्कि अपने भाई-बहनों के लिए प्यार बढ़ेगा। मोरल स्टोरीज का बच्चों के दिमाग पर बहुत असर पड़ता है। बच्चों को हमेशा ऐसी कहानियां सुनाएं जिनमें भाई-बहन एक-दूसरे को मुसीबत से बचाते हैं और मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं।
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