तीसरी व पांचवीं के विद्यार्थी अब हर सप्ताह देंगे परीक्षा

धमतरी, 17 सितंबर। शिक्षा के स्तर में सुधार लाने अब निजी स्कूलों की तर्ज पर शासकीय स्कूलों में पहल शुरू हो गई है। माह के प्रत्येक सप्ताह में कक्षा तीसरी व पांचवीं के विद्यार्थी परीक्षा देंगे। वहीं शिक्षक-शिक्षिकाएं परीक्षा के रिजल्ट भी जारी करेंगे, इसके लिए बकायदा रजिस्टर मेंटनेंस भी किया जाएगा। स्कूलों के इस पहल से पढ़ाई की मानिटरिंग, पढ़ने के प्रति विद्यार्थियों के भीतर लगन समेत अन्य सुधार होंगे। जल्द ही स्कूलों में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसके लिए जिला शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी शुरू हो गई है।

लाकडाउन व कोरोना संक्रमण काल में विद्यार्थियों के दो साल बेकार हुआ है। इस दो साल के भीतर छोटे बच्चे पढ़ाई में काफी पिछड़ गए हैं। फिलहाल इसकी भरपाई अब तक नहीं हो पाई है। शासकीय व निजी स्कूलों के कक्षा दूसरी, तीसरी, चौथी व पांचवीं के विद्यार्थियों के भीतर प्रश्नों के उत्तर को याद करने की क्षमता व बिना देखे प्रश्नों के उत्तर लिखने की क्षमता बेहद कमजोर है, जो शिक्षकों के सामने व निरीक्षण में सामने आ रही है। ऐसे कई कमजोरियां बच्चों के भीतर है, इसे अब सुधार बेहद जरूरी हो गया है, ताकि भविष्य में बच्चों के मानसिक विकास तेजी से हो सके और शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके।

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र मिश्रा ने बताया कि शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए अब कक्षा तीसरी व पांचवीं के विद्यार्थियों की हर सप्ताह परीक्षा आयोजित की जाएगी। सप्ताह में जितनी पढ़ाई होगी, इसकी परीक्षा होगी, ताकि साथ-साथ तैयारी हो सके। इस पहल से बच्चों के भीतर याद करने की क्षमता व पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी। वहीं परीक्षा को लेकर शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ विद्यार्थी भी पढ़ाई में व्यस्त रहेंगे। ज्यादातर समय पढ़ाई में निकलेंगे।जिला शिक्षा विभाग धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार कक्षा तीसरी में कुल 9242 विद्यार्थी है, जिसमें 4633 छात्र और 4609 छात्राएं है। इसी तरह कक्षा पांचवीं में कुल विद्यार्थियों की संख्या 9751 है, जिसमें छात्र 4839 है और छात्राओं की संख्या 4912 है।

उल्लेखनीय है कि जिले में शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की संख्या 1300 से अधिक है। प्राथमिक स्कूलों में कुल 44727 विद्यार्थी अध्ययनरत है और शासकीय माध्यमिक स्कूल में कुल 33041 है। इन स्कूलों में कोरोना काल में पढ़ाई की हुई बर्बादी को पूरा करने किसी न किसी माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा पहल की जा रही है।

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