रायपुर,17सितम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर केे निर्देशानुसार नालसा योजना, 2015 के अंतर्गत आज 17 सितंबर को ज्ञान गंगा एजुकेशनल एकेडमी, रायपुर के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं फेडेरेशन ऑफ़ स्किल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त तत्वाधान में मोटर दुर्घटना, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में चोट के सुरक्षा उपाय के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायपुर संतोष शर्मा मुख्य अतिथि, ब्रेन एवं स्पाईन सर्जन, रायपुर डाॅ. एस.एन. मढ़रिया, मुख्य वक्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रायपुर भूपेन्द्र कुमार वासनीकर, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर प्रवीण मिश्रा एवं ज्ञान गंगा एजुकेशनल एकेडमी, रायपुर आलोक विठ्ठलकर एवं स्कूल प्रबंधन एवं छात्र व छात्राए उपस्थित थे।
उक्त जागरूकता कार्यक्रम में डाॅ. एस.एन. मढरिया द्वारा मोटर दुर्घटना से होने वाले मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी में चोट से शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से होने वाली क्षति से अवगत कराया साथ ही साथ यातायात संबंधी नियमों को पालन करना महत्वपूर्ण बताते हुए शपथ दिलवाया। उनके द्वारा उपस्थित शिक्षक तथा बच्चों को सजीव दुर्घटना के उदाहरण तथा उनके दूरगामी परिणामों से चलचित्रों के माध्यम से अवगत कराया गया। उनके द्वारा बताया गया कि दुर्घटना से शारीरिक क्षति होने के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए रोड़ सेफटी नियमों का जैसे कि हेलमेट पहनना, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करना, शीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाना तथा यात्रा करने जैसे संबंधित विषयों पर जानकारी दी गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायपुर संतोष शर्मा द्वारा अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम यह कहा कि आयोजन जिस विद्यालय में आयोजित किया जा रहा है। उसका प्रारंभ का वाक्यांश ज्ञान शब्द से शुरू होता है। इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य भी उन कानूनी विषयों पर आप सभी के मस्तिष्क में कानूनी ज्ञान का बोध कराना है, जिनका हम जानकारी के अभाव में या जानबूझकर उपेक्षा करते हैं। सर्वप्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायपुर द्वारा उपस्थित बच्चों को कानून का पालन कर अपने तथा अपने परिवार और राष्ट्र के उत्थान में सहयोग प्रदान करने हेतु उज्जवल भविष्य का आशीष प्रदान किया। न्यायाधीश द्वारा मोटर वाहन अधिनियम एवं दिलाये गये शपथ के बिन्दुओं पर व्याख्यान देते हुए मोटर वाहन से जुड़े कानून के बारे में जानकारी प्रदान की एवं उन्होंने भी उपस्थित सभी जनों से यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कर सुखद जीवन जीने की प्रेरणा दी।
इसके अतिरिक्त न्यायाधीश द्वारा मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के माध्यम से किस प्रकार कोई पक्षकार न्यायालय के माध्यम से मुआवजा प्राप्त करसकता है। जानकारी दी उन्हेांने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या चोट आती है। तब मृतक के परिजन या आहत व्यक्ति या उनकी ओरसे कोई भी विधिक प्रतिनिधि अधिकरण / न्यायालय में आवेदन कर मुआवजा राशि प्राप्त कर सकता है। इसके लिए केवल दावा अधिकरण के नियमों का पालन सुनिश्चित होना अनिवार्य है।
इस अवसर पर जिला विधिकसेवा प्राधिकरण, रायपुर द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली से बच्चों हेतु प्राप्त पुस्तक आॅपरेशन उमंग राइज विथ होप को विद्यालय के बच्चों को जिला न्यायाधीश महोदय के माध्यम से वितरित कराया गया। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर द्वारासडक दुर्घटना से बचाव एवं जागरूकता हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसपर जिला न्यायाधीश, रायपुर, शिक्षक, बच्चों तथा डाॅ. मढरिया द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर के सचिव प्रवीण मिश्रा द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर की विभिन्न योजनाओं के संबंध में बच्चों तथा शिक्षकों के द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर सरल भाषा में प्रदान किया।
स्कूली बच्चों ने स्काउट, बैंड के माध्यम से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की, जिसकी जिला न्यायाधीश महोदय द्वारा हृदय से सराहना की गई।
स्कूल के शिक्षकगण सी.पी. परिमल, डाॅ. संजय चैहान, डाॅ. एल.डी. उपाध्याय, असिमा घोष, मधुपा बेन, जयकरण सिंह, मनोज साव, अरूण सोमेन, सत्यपति दास एवं शाहना सैय्यद कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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