रायपुर। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने अपनी नई टीम तैयार कर ली है। 54 सदस्यीय इस टीम के सदस्यों की औसत आयु 54 वर्ष के आसपास है। पार्टी को सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी अब इन्हीं के कंधों पर होगी। भाजपा नेताओं के साव ने उन सभी पुराने चेहरों को बदल दिया है जो 15 वर्षों से लगातार किसी न किसी रूप में संगठन में जमे हुए थे। वहीं, भाजपा संगठन में हुए इस बदलाव को लेकर कांग्रेस कह रही है कि चेहरा बदल देने से 15 वर्षों के कुशासन और भ्रष्टाचार का दाग नहीं मिटेगा। लेकिन भाजपा के मैदानी कार्यकर्ता संगठन में हुए इस बदलाव से खुश हैं।राजनीतिक विश्लेषकों की राय में भाजपा प्रदेश संगठन में जो बदलाव हुआ है, वह न सिर्फ आगामी चुनाव को देखते हुए महत्वपूर्ण है, बल्कि पार्टी अगले 15 वर्षों में किस दिशा में जाएगी, उसका भी प्रतिरूप दिखता है। संगठन में 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश महामंत्री बनाए गए केदार कश्यप, ओपी चौधरी और विजय शर्मा भाजपा की उस नई पीढ़ी के ध्वजवाहक के रूप में उभर सकते हैं, जिनकी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी।प्रदेश संगठन में संघ की दखल साफ नजर आ रही है। प्रदेश अध्यक्ष साव, नेता प्रतिपक्ष बने नारायण चंदेल संघ के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। युवा मोर्चा की कमान रवि भगत को सौंपी गई है, जो वनवासी कल्याण आश्रम के लिए लगातार काम करते रहे हैं।पार्टी नेताओं के अनुसार ऐसा नहीं है कि प्रदेश कार्यकारिणी में किसी भी नेता को अचानक ले आया गया है। हर नेता संगठन के लिए पहले से ही काम करता रहा है। आइटी सेल हो या फिर मीडिया विभाग, जो नेता पहले से थे, उनको पदोन्न्त करके एक संदेश देने की कोशिश की गई कि अगर संगठन के लिए ईमानदारी से काम किया जाता रहेगा, तो पदोन्न्ति मिलती रहेगी।साव की नई टीम में राज्य के 21 जिलों को प्रतिनिधित्व मिला है। इसमें सबसे ज्यादा 19 अकेले रायपुर जिले हैं। जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और धमतरी जिला के तीन-तीन नेताओं को जिम्मेदारी मिली है। बालोद, कांकेर, बलौदाबाजार, कवर्धा और जशपुर के दो-दो नेता शामिल किए गए हैं। कोरबा, महासमुंद, बलरामपुर, नारायणपुर, बेमेतरा, सूरजपुर, दंतेवाड़ा, सरगुजा, गरियाबंद और बस्तर के एक-एक नेता टीम में हैं।कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा की नई टीम को लेकर कहा कि पार्टी के लिए सामाजिक न्याय का नारा भी केवल एक चुनावी जुमला है। साव की नवगठित 54 सदस्यीय कार्यसमिति में प्रदेश के 52 प्रतिशत ओबीसी वर्ग को मात्र 22 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला है। 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से कुल सात प्रतिनिधि यानी 13 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के कुल पांच प्रतिनिधि शामिल हैं, जो केवल नौ प्रतिशत है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हर संगठन समय-समय पर अपने अंदर बदलाव करता है लेकिन भाजपा अपने 15 साल के भ्रष्टाचारी चेहरों को छुपाने के लिए ऊपर से नीचे तक बदलाव में लगी है। भाजपा को अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं की क्षमता पर भरोसा नहीं रहा। वह किसी को भी जिम्मेदारी देने के बाद उस पर भरोसा नहीं जता पा रही है। भाजपा सोचती है कि वह नेताओं के चेहरों को बदलकर अपने 15 वर्षों के पापों से जनता का ध्यान हटा लेगी तो वह मुगालते में है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा, सत्ता की मलाई खाने के लिए सैकड़ों नेताओं को तैनात करने, तीन सौ नेताओं को संगठन में पद मिलने के बावजूद कांग्रेस में पदों के लिए जो सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, वह किसी से छिपे नहीं हैं। भाजपा विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है। पार्टी में नेतृत्व तैयार करने प्रक्रिया के तहत समान अवसर देती है। कांग्रेसियों को भाजपा की संतुलित प्रदेश कार्यकारिणी पर अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करने का न तो कोई अधिकार है और न ही इसकी जरूरत है।
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