पितृ पक्ष के बाद शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती हैं। आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
शारदीय नवरात्रि डेट-
- हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व गुरुवार, 26 सितंबर 2022 से प्रारंभ होगा। शारदीय नवरात्रि का पर्व 4 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा।
नवरात्रि का पूरा कैलेंडर-
(पहला दिन) – 26 सितंबर- मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है
(दूसरा दिन) -27 सितंबर -मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है
(तीसरा दिन) -28 सितंबर – मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है
(चौथा दिन)-29 सितंबर-मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है
(पांचवा दिन)-30 सितंबर- मां स्कंदमाता की पूजा
(छठां दिन)- 1 अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
(सातवां दिन) -2 अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
(आठवां दिन) -3 अक्टूबर- मां महागौरी पूजा
(नौंवा दिन) -4 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा
पूजा-विधि
- सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
- लाल चुनरी
- लाल वस्त्र
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/ तेल
- धूप
- नारियल
- साफ चावल
- कुमकुम
- फूल
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- बताशे या मिसरी
- कपूर
- फल-मिठाई
- कलावा
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