सुकमा जिले के गोलापल्ली थाना क्षेत्र में सक्रिय 09 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा, 8सितम्बर,।छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गोलापल्ली थाना क्षेत्र के 09 नक्सलियों ने पुलिस एवं सीआरपीएफ के 217वीं और 212वीं बटालियन के अधिकारियों के समक्ष बिना हथियार के बुधवार को आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सली कई घटनाओं में शामिल थे। इन नक्सलियों के आत्म समर्पण करने से इलाके में नक्सल विधियों में अंकुश लगेगी। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन के पुनर्वास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

बुधवार को जिले के मरईगुड़ा थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारी के समक्ष छग शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मरईगुड़ा थाना में एएसपी गौरव मण्डल, सीआरपीएफ 217 वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी सरोज कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी कुमार आलोक, एसडीओपी गिरिजा शंकर साव, शिखर मरावी, रोहित शुक्ला, सीआरपीएफ 217 वाहिनी के सहायक कमाण्डेंट प्रभांशु प्रभाकर के समक्ष नक्सलियों ने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सली किस्टाराम एरिया कमेटी एवं गोलापल्ली एलओएस के सक्रिय नक्सली सदस्यों के साथ थाना गोलापल्ली एवं मरईगुड़ा अंतर्गत विभिन्न नक्सली मुठभेड़ की घटनाओं में शामिल थे। इसके साथ-साथ सड़क खोदने, शासकीय सम्पति को नुकसान पहुंचाने, नक्सली संगठन की बैठक आयोजित करवाने, सुरक्षा बलों की रैकी करने, माओवादियों के लिए राशन एवं अन्य सामान की सप्लाई में लिप्त थे। कुल 10 अपराधों में पंजीबद्ध प्रकरणों सहित और अन्य घटनाओं में भी शामिल रहे। आत्मसमर्पण कराने में मरईगुड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यवादी साहू, उप निरीक्षक आशीष कंसारी थाना प्रभारी गोलापल्ली, एवं उप निरीक्षक मड़कम मुदराज डीआरजी कमाण्डर किस्टाराम का विशेष योगदान रहा।

इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

आत्म समर्पित नक्सली जनमिलिशिया सदस्य उईका बाला पिता रामा ,निवासी रायगुड़ा, सुन्नम धर्मा पिता राम ,निवासी तिंगनपल्ली, बेडमा रामचेट्टी पिता बोज्जी, निवासी भट्टीगुड़ा, डीएकेएमएस अध्यक्ष भट्टीगुड़ा सोढी कोसा पिता तमैया ,निवासी भट्टीगुड़ा, सीएमएन अध्यक्ष पोड़ियम सोना पिता बुधरा, निवासी रायगुड़ा, आर्थिक कमेटी सदस्य बेड़मा रामा पिता एंका, निवासी भट्टीगुड़ा, जनमिलिशिया सदस्य पोड़ियम बुधरा पिता नंदा निवासी ,रायगुड़ा, उईका भीमा पिता राममूर्ती ,निवासी भट्टीगुड़ा, बेड़मा कामा पिता एंका ,निवासी भट्टीगुड़ा आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटें है।