छत्तीसगढ़ के आइपीएस मुकेश गुप्ता मामले में फैसला सुरक्षित, पदोन्नति रद करने को दी है चुनौती

बिलासपुर। प्रदेश के निलंबित आइपीएस मुकेश गुप्ता को कैट से राहत देने के खिलाफ शासन की अपील पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बीते तीन साल से एडीजी रैंक के आइपीएस मुकेश गुप्ता निलंबित हैं। पूर्व सरकार ने उन्हें पदोन्नति दी गई थी। आर्थिक अनियमितिता के केस में नाम सामने आने के बाद कांग्रेस की वर्तमान सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।मुकेश गुप्ता ने शासन के आदेश के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में केस लगाया था। कैट ने उनके पक्ष में आदेश दिया और शासन की पदोन्नति को निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। राज्य शासन ने कैट के इस फैसले को अवैधानिक बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के पक्ष में आदेश दिया और कैट के फैसले को सही ठहराया। इधर, राज्य शासन ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच को अपील की है। इस पर पिछले कई महीनों से सुनवाई चल रही है। सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।आइपीएस मुकेश गुप्ता को राज्य शासन ने पूर्व में 2018 में पदोन्नति देकर एडीजी से डीजी बना दिया था। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव जीता। सरकार ने उनके खिलाफ हुईं शिकायतों के आधार पर जांच कराई। आरोप सही पाए गए और उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। साथ ही साल 2019 में उनके पदोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया गया। इसके खिलाफ मुकेश गुप्ता कैट चले गए। कैट में मुकेश गुप्ता के पक्ष में फैसला दिया था।