पटना की सड़कों पर आवारा मवेशियो का हुजूम

बैकुन्ठपुर,07 सितम्बर। पटना नगर के आस पास ग्राम के किसान इन दिनो आवारा मवेशियों के आतंक के परेशान है।पटना क्षेत्र में कई ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से गौठान बने हुए हैं मगर उन गौठानों में एक भी मवेशी नहीं हैं। इन दिनो आवारा व पालतू मवेशियों का झुंड़ हमेशा पटना नगर सड़कों में देखा जा सकता है। जबकी आवारा घूमने वाले मवेशियों को आश्रय देने के लिए प्रदेश सरकार ने नरवा, घुरवा और बाड़ी योजना चलाई है। गांव गांव में बने गौठान भी इसी योजना का एक हिस्सा है।

बता दें कि पटना शहर से गुजरे नेशनल हाईवे क्रमांक 43 सड़क पर आए दिन वाहनों से टकराकर मवेशियों की मौत हो रही है। बीती दो से तीन माह के भीतर तीन दर्जन से अधिक मवेशियो की अलग अलग स्थानों पर दुर्घटना के चलते मौत हो चुकी है। वहीं सड़क पर आने जाने वाले दर्जनो मोटरसाइकल सवार राहगीर भी आवारा मवेशियों से टकराने मे गंभीर चोटें आई है। पिछले कई महीनों से लगातार यह सिलसिला चली आ रही है। बीते 3 माह के भीतर पटना में करीब तीन दर्जनो  मवेशियों की मौत सड़क में चलने वाले वाहनों से टकरा जाने से हो चुकी है। बताया जाता है की कुछ लोग रात के अधेरे मे ट्रकों व पिकअप में भर कर पटना बाहर जंगलों में ले जाकर छोड़ देते है। बाद मे वही मवेशी रिहायशी इलाको के सड़कों पर विचरण करते रहते है और रात में किसानों के खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। पटना नगर के आस पास ग्राम करजी कटोरा रनई कोचिला के सैकड़ो किसानो के लगभग 10 एकड़ मे लगी फसलो को चट कर चुके है।जनप्रतिनिधियों ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए कुछ पहले पटना तहसीलदार भीष्म पटेल से व थाना प्रभारी से मांग किये थे कि पटना सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की रोक थाम के लिए समुचित उपाय करें जिससे कि राहगीरों से मवेशी सुरक्षित रह सकें।


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