जबलपुर। पांच साल के बालक का शव गोद में लिए मां रोती बिलखती रही। अन्य स्वजन का भी रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। यह द्श्य जिसने भी देखा उसका कलेजा फट गया। घटना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया है कि बालक को जब अस्पताल ले जाया गया था तब वहां डाक्टर नहीं थे। समय पर चिकित्सीय परामर्श व उपचार न मिलने के कारण उल्टी दस्त से पीडित बालक की मौत हो गई।
कलेक्टर का कहना है कि बालक को मृत अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था। हालांकि कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तिंहेटा देवरी बरगी निवासी ऋषि नामक पांच साल के बालक को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी ले जाया गया था। स्वजन सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सक नहीं थे। अस्पताल में मौजूद एकमात्र स्टाफ नर्स मरीजों की मलहम पट्टी व गर्भवती महिलाओं की देखभाल कर रही थी। बालक को समय से उपचार नहीं मिल पाया और उसे मृत घोषित कर दिया गया। बालक की मौत की खबर सुनते ही स्वजन रोने बिलखने लगे। उन्होंने भी आरोप लगाया कि समय रहते उपचार न मिलने के कारण ऋषि की मौत हो गई। बरगी निवासी पंकज परस्ते, सानू यादव एवं आकाश सैनी ने बताया कि तिंहेटा देवरी से बालक का उपचार कराने आए स्वजन से पता चला कि अस्पताल में डाक्टर नहीं थे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तमाम कर्मचारी व डाक्टर मुख्यालय में निवास नहीं करते हैं। वे शहर में रहकर ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं देते हैं। यही वजह है कि अस्पताल में समय से कर्मचारी व डाक्टर नहीं पहुंच पाते हैं। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
स्वजनों ने पीएम कराने से मना किया
हिनौता निवासी बालक ऋषि को मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था। जो तथ्य सामने आाए हैं उसके अनुसार बालक पहले से जला हुआ था। स्थानीय स्तर पर 10 दिनों से उसका इलाज चल रहा था। बालक को जब अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने उसे देखा था। बालक की मौत हो चुकी थी। डाक्टरों ने स्वजन को पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी थी। उन्होंने बालक के शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया था। -डा. इलैयाराजा टी, कलेक्टर
बालक को मृत अवस्था में लाया गया था
बालक को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। स्वजन को उसकी मौत की जानकारी दे दी गई थी। अस्पताल में चिकित्सक व कर्मचारी मौजूद थे। स्वजन को पोस्टमार्टम की सलाह दी गई थी। जिससे उन्होंने इंकार कर दिया था। शव को लेकर स्वजन अस्पताल से रवाना हो चुके थे, जिन्हें रोककर कुछ स्थानीय लोगों ने अस्पताल में हंगामा करने का प्रयास किया। -डा. पूर्णिमा ठाकुर, बीएमओ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी
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