अनियमित दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों के कारण इन दिनों डायबिटीज की समस्या आम हो गई है। डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी यदि किसी को एक बार हो जाती है तो फिर यह आजीवन बनी रहती है। दरअसल डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नहीं निर्मित होने के कारण कोशिकाएं ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। यदि शरीर में शुगर लेवल अचानक नियंत्रण से बाहर हो जाता है तो हृदय और गुर्दे की बीमारी सहित कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में मधुमेह के शुरुआती लक्षणों को पहचानना ही इससे बचने का सबसे आसान तरीका है –
– शरीर में पसीना आना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब ज्यादा पसीना आ रहा है, तो ऐसी स्थिति में सतर्क हो जाएं। मेडिकल टर्म में इसे सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। यह डायबिटीज की शुरुआत के संकेत हो सकते है।
– मोटापे के शिकार होने पर भी सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस शरीर पर हमला कर सकता है क्योंकि तब शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इस वजह से अधिक पसीना आने लगता है।
– डायबिटीज होने पर आम लक्षण में ग्लूकोमा, घाव जल्दी न भरना, थकान बने रहना, सिरदर्द, आंखों में धुंधलापन, मोतियाबिंद, इम्युनिटी कमजोर होने जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। साथ ही बार-बार पेशाब आना भी डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं।
इस कारण से होती है डायबिटीज
हमारे शरीर में पैंक्रियाज ग्रंथि इंसुलिन बनाने का काम करती है, लेकिन जब पेंक्रियाज ग्रंथी में खराबी आ जाती है और यह इंसुलिन बनाना बंद कर देती है तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन एक तरह का हार्मोन होता है, जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है।
शरीर में शुगर लेवल का रखें ध्यान
सुबह खाली पेट सामान्य ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl होना चाहिए। यदि 100-125mg/dl शुगर लेवल हो जाता है, तो यह सेहत के नुकसान पहुंचाने वाला हो सकता है। गौरतलब है कि 126mg/dl से अधिक ब्लड शुगर लेवल डायबिटिक रेंज के अंतर्गत आता है।
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