BREAKING NEWD : आस्था या अंधविश्वास! हर साल नागपंचमी के दिन भैंसासुर बन जाता है यह युवक, पशुओं की तरह खता है भूसा और चारा

इसे आस्था कहें या अंधविश्वास? नागपंचमी (nagpanchami) के दिन एक सामान्य शख्स भैंसासुर (Bhainsasur) बन जाता है। पशु के नाद में भरे भूसा को खाने लगता है। गुरुवार को इस नागपंचमी को भूसा खाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। उत्तरप्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई क्षेत्र (Kolhui area of ​​Maharajganj) का एक शख्स नागपंचमी के दिन पशुओं की तरह नाद में भूसा खाता है। यह वीडियो जिले में तेजी से वायरल हो रहा है। कोल्हुई के रुद्रपुर शिवनाथ गांव का रहने वाला बुधिराम (Budhiram) पिछले कई वर्षों से इस तरह भूसा चारा खाता है।

इसे आस्था कहें या अंधविश्वास? नागपंचमी (nagpanchami) के दिन एक सामान्य शख्स भैंसासुर (Bhainsasur) बन जाता है। पशु के नाद में भरे भूसा को खाने लगता है। गुरुवार को इस नागपंचमी को भूसा खाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। उत्तरप्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई क्षेत्र (Kolhui area of ​​Maharajganj) का एक शख्स नागपंचमी के दिन पशुओं की तरह नाद में भूसा खाता है। यह वीडियो जिले में तेजी से वायरल हो रहा है। कोल्हुई के रुद्रपुर शिवनाथ गांव का रहने वाला बुधिराम (Budhiram) पिछले कई वर्षों से इस तरह भूसा चारा खाता है।

बताया जा रहा है कि बुधीराम नागपंचमी के मौके पर इंसान से पशु बन जाता है। नागपंचमी के दिन वह घर के बाहर बने समया माता के मंदिर पर बैठता है। लोग फूल-मालाओं से स्वागत करते हैं। बताया जाता है कि वह नाद में पशु की तरह भूसा-चारा खाना लगता है। उसकी यह अद्भुत आस्था देखकर लोग हैरान जाते हैं।

बुधीराम का दावा है कि पिछले 40-45 साल से उनपर भैंसासुर की सवारी आती है। ऐसा हर तीन साल के अंतराल में नागपंचमी के दिन होता है। बाकी दिन वह सामान्य जीवन जीते हैं। नागपंचमी पर भी कुछ समय के लिए ऐसा होता है और फिर पूजा-पाठ के कुछ घंटों बाद ही वह सामान्य हो जाते हैं।

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