51 मैचों में 10 से कम का औसत और 91 का स्ट्राइकरेट, फिर भी इस विकेटकीपर को लगातार मिल रहा है मौका

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विकेटकीपर तानिया भाटिया को शायद इसी वजह से टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में मौका मिल रहा है कि वे विकेटकीपर हैं, क्योंकि बतौर बल्लेबाज उनके आंकड़े बहुत खराब हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस समय कॉमनवेल्थ गेम्स में खेल रही है। टीम तीन लीग मैचों में से दो मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच गई है, लेकिन तीन मैचों में टीम ने दो विकेटकीपरों को आजमाया है। पहले दो मैचों में यास्तिका भाटिया खेली थीं, जबकि तीसरे मैच में तानिया भाटिया को मौका दिया गया, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि तानिया के पास विकेटकीपिंग के अनुभव के अलावा कुछ भी नहीं है। 

दरअसल, टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो तानिया भाटिया का औसत 10 से भी कम है, जो किसी भी सूरत में 50 से ज्यादा टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाली खिलाड़ी के लिए काफी नहीं है। इतना ही नहीं, तानिया का स्ट्राइकरेट भी 100 से कम है, जिससे साफ लगता है कि वे तेज गति से भी निचले क्रम पर रन नहीं बना पाती हैं। ऐसे में उनको क्यों लगातार मौका दिया जा रहा है, ये सबसे बड़ा सवाल है।   

तानिया भाटिया ने अब तक 51 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिनमें 23 बार उन्होंने बल्लेबाजी की है। इनमें भी 4 बार वो नाबाद रही हैं, लेकिन सिर्फ 172 रन ही बना सकी हैं। 46 रन उनका सर्वाधिक स्कोर है। उनका औसत    9.05 और स्ट्राइकरेट 91 का है। 17 चौके और     1 छक्का वे क्रिकेट के इस फॉर्मेट में जड़ सकी हैं। उनका बेस्ट काम ये है कि वे 23 कैच और 44 स्टंपिंग करने में सफल हुई हैं। 

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए बर्मिंघम गई भारतीय टीम में दो ही विकेटकीपर हैं, जिनमें एक तानिया भाटिया और यास्तिका भाटिया हैं। यास्तिका को दो मौके मिले, लेकिन एक ही मैच में वे बल्लेबाजी करने उतरीं, जहां वे 8 रन बना सकीं। फिर भी उनका औसत और स्ट्राइकरेट तानिया से बेहतर है। उन्होंने अब तक 7 मैचों में 70 रन बनाए हैं। उनका औसत 14 का है, जबकि स्ट्राइकरेट 85.36 का है।