मानसून के दौरान अपने वॉशिंग मशीन से कपड़ों की सर्वोत्तम सफाई कैसे करें

मानसून के मौसम की शुरुआत ने चिलचिलाती गर्मी से सभी को काफी राहत दी हैजिससे सभी को खुशी मिली है। हालांकिइस मौसम का दूसरा पहलू यह है कि इसमें कपड़े अक्सर गीले हो जाते हैं और वातावरण में नमी के कारण कपड़ों का सूखना मुश्किल हो जाता है। चूंकि कपड़े अक्सर गंदे हो जाते हैंइसलिए कपड़े धोने का दबाव भी बढ़ जाता है। लगभग एक तिहाई शहरी भारतीय आज अपने कपड़े धोने के लिए वॉशिंग मशीन पर निर्भर हैं। इन सभी वाशिंग मशीन उपयोगकर्ताओं के लिएयह महत्वपूर्ण है कि वाशिंग मशीन पूरे वर्ष भर और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण रूप से मानसून में प्रभावी ढंग से चले।

 

यहाँ कुछ आसान उपाय बताए जा रहे हैं जिनसे आप अपने वॉशिंग मशीन का अच्छे से रखरखाव कर सकते हैं और सर्वोत्तम धुलाई परिणाम हासिल कर सकते हैं:

सही मात्रा में डिटर्जेंट का प्रयोग करें। इसके लिए वॉशिंग मशीन के साथ दी गई पुस्तिका देख लें ताकि अपने मशीन के लिए सही प्रकार और सही मात्रा में डिटर्जेंट का प्रयोग सुनिश्चित कर सकें। उदाहरण के लिएफ्रंट लोड मशीन में टॉप लोड डिटर्जेंट का उपयोग न करें! आपको लोड के अनुसार डिटर्जेंट की मात्रा भी जांच लेनी चाहिए। आपको परामर्श है कि न तो बहुत अधिक और न ही बहुत कम मात्रा में डिटर्जेंट का उपयोग करें। आप अपने मशीन मैनुअल से मात्रा संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

मशीन को साफ करें: डिटर्जेंट या कठोर जल के कारण कभी-कभी आपके मशीन में पपड़ी पड़ जाती है – इसका धोने की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और विशेष रूप से फ्रंट लोडिंग वाशिंग मशीनों से गंध आने लगती है। एम्पटी लोड या टब क्लीन मोड के जरिए वॉशिंग मशीन में सफाई पाउडर का उपयोग करके डिटर्जेंट के शेष बचे हिस्सों को हटा सकते हैं। यह हर महीने किया जा सकता है। आप वैकल्पिक रूप में थोड़ी मात्रा में सफेद सिरका के साथ गर्म पानी मिलाकर एम्पटी लोड चला सकते हैं। साइकल के बीच में थोड़ा डिटर्जेंट डालें और इसके खत्म होने की प्रतीक्षा करें। एक साफ तौलिये से ड्रमदरवाजे और गैसकेट को पोंछ लें।

दुर्गंध को दूर करें: कपड़े धोने वाली जगह में और आपके कपड़ों में फफूंदीदार गंध आना आपको कतई अच्छा नहीं लगेगा। याद रखें कि हर धुलाई के बाद वॉशिंग मशीन का ढक्कन खुला छोड़ देंताकि यूनिट सूख जाए और इसकी महक ताजा रहे। इसके अलावाफफूंद न बनने देने के लिए अपने कपड़े धोने के बादमशीन के दरवाजे के चारों ओर गैस्केट को अंदर से भी अच्छी तरह से पोंछ लें।

·         अपने कपड़ों की धुलाई के लिए प्लानिंग कर लें। हमेशा वॉशिंग मशीन की पूरी क्षमता का उपयोग करेंलेकिन इसे ओवरलोड न करें। इससे संभावित रूप से कम से कम ऊर्जा की खपत होगी। यदि आपको केवल कुछ ही कपड़े धोने हैंतो आप मशीन के इको-मोड (चुनिंदा वाशिंग मशीनों में उपलब्ध) का उपयोग कर सकते हैंजो कम बिजली का उपयोग करता है और पानी बचाता है।

एंटी-जर्म मोड: बेडशीटअत्यधिक गंदे कपड़ेया आपके द्वारा बाहर पहने गए कपड़ेऔर बारिश गंदे हो चुके कपड़ों की धुलाई के लिए अपनी वॉशिंग मशीन के एंटी-जर्म विकल्प का उपयोग करें। यह सेटिंग बिल्ट-इन वाटर हीटर वाली वाशिंग मशीन में उपलब्ध हैकुछ टॉप-लोड वॉशिंग मशीनों और सेमी-ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीनों में भी यह फीचर उपलब्ध है। यह वर्तमान समय में विशेष रूप से उपयोगी है।

लिंट कलेक्टर को साफ करें: कई वॉश साइकल के बादलिंट कलेक्टर (अक्सर ज्यादातर मशीनों के सेंटर कॉलम में पाया जाता है) जाम हो जाता है। सप्ताह में कम से कम एक बार इसे नल के पानी के नीचे धोकर साफ करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह लिंट पार्टिकल्स को कुशलता से इकट्ठा करता रहे। यह आसान उपाय बेहतर धुलाई के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।

कंट्रोल्स के प्रति सावधान रहें: जबकि कुछ मशीनें नमी प्रतिरोधी कंट्रोल्स के साथ आती हैंलेकिन कई में यह नहीं होता है। गीले कपड़ों को कंट्रोल पैनल से दूर रखना अच्छी आदत है।

बुनियादी बातों पर ध्यान दें: सभी उपकरणों के लिए उचित अर्थिंग सुनिश्चित करना स्वच्छता की दृष्टि से अच्छा हैऔर इंस्टॉलेशन से पहले ही ग्राहक को किसी इलेक्ट्रीशियन से संपर्क करके इसकी जांच कर लेनी चाहिए। इसके अलावाअक्सर यह देखा जाता है कि उपभोक्ता वॉशिंग मशीन के पास कुछ एलिमेंट्स रख देते हैं। मशीनें धुलाई करेंगी और अधिकांश मशीनों के निचले हिस्से में एंटी-रोडेंट मेश भी होता हैलेकिन आपको सुझाव है कि मशीन को किसी सुरक्षित स्थान पर रखें जहाँ चूहा आदि जैसे कुतरने वाले जीव न पहुँच सकें क्योंकि इससे तार कट सकते हैं और सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।

अधिकृत सर्विस सेंटर से नियमित सर्विसिंग: अधिकृत सर्विस सेंटर से जुड़े तकनीशियन द्वारा समय-समय पर वाशिंग मशीन की सर्विसिंग करानाऐसे विभिन्न कल-पुर्जों को साफ कराना जिन्हें साफ करना उपभोक्ता के लिए कठिन हो सकता हैअच्छी आदत है। यदि मशीन के किसी भी हिस्से में टूटने-फूटने का पता चलता है तो समय-समय पर उसकी मरम्मत कराते रहें ताकि मशीन खराब होने से बची रहे।

सावधानीपूर्वक उपयोग और नियमित रखरखाव से उपकरणों को न केवल मानसून के दौरान बल्कि वर्ष के बाकी समय में भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उपयुक्त स्थिति में रखा जा सकता है।