कोरिया, 04 अगस्त (वेदांत समाचार)। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत माताओं और बच्चों को शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. बच्चों, गर्भवती, शिशुवती मांओं को गरम भोजन दिया जा रहा है. सुपोषण थाली के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में एनीमिक गर्भवती और शिशुवती माताओं को सोमवार से शुक्रवार तक सप्ताह में पांच दिन पोषण युक्त आहार दिया जा रहा है.
केंद्र पर आने में असमर्थ महिलाओं के घर पहुंचाया जा रहा भोजन
जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा की पहल पर हर दिन आंगनबाड़ी केंद्रों तक आने में असमर्थ महिलाओं को उनके घर एवं कार्यक्षेत्रों पर ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा टिफिन के माध्यम से पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराया जा रहा है. बता दें कि, वनांचल से घिरे कोरिया जिले में ग्रामीण परिवेश में महिलाओं द्वारा घर परिवार की देखरेख एवं कामकाज में व्यस्तता के कारण पोषण आहार की अनदेखी से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं. एनीमिया की श्रेणी में आने वाली महिलाओं में सर्वाधिक संख्या गर्भवती और शिशुवती माताओं की होती है. एनीमिया से बचाने जिले में एनीमिक गर्भवती, शिशुवती माताओं को सुपोषण थाली उपलब्ध कराई जा रही है.
अब खेतों में ही पहुंच रही सुपोषण थाली
आंगनबाड़ी केंद्र पर आने में असमर्थ महिलाओं को उनके घर या कार्यक्षेत्र पर ही जाकर सुपोषण थाली उपलब्ध कराई जा रही है. ग्राम डोमनपारा निवासी गर्भवती मीना (28 वर्ष) ने बताया कि खेती-बाड़ी का सीजन है, इसलिए हर दिन आंगनबाड़ी केंद्र पर जाना नहीं होता है. आंगनबाड़ी वाली दीदी एक दिन स्वयं मेरे घर आईं, तो मैंने उन्हें अपनी समस्या बताई. इसके बाद अब वो रोज मुझे यहां खेत में टिफिन पहुंचाने आती हैं. मुझे घर पर खान-पान और स्वच्छता संबंधी देखभाल की जानकारी भी देती है.
भोजन के साथ दिए जा रहे साफ-सफाई के टिप्स
वहीं, ग्राम डोमनपारा निवासी गर्भवती महिला प्रेमवती (25 वर्ष) बताती हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदी ने एनीमिया के बारे में बताया और मेरी एचबी जांच भी की गई थी. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र पर दी जा रही सुपोषण थाली के बारे में भी बताया और आकर गरम भोजन खाने की सलाह दी. प्रेमवती ने कहा कि रोपा का समय है, ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचने में थोड़ी समस्या होने लगी, तब आंगनबाड़ी दीदी ने मेरी मदद की और अब वे टिफिन में सुपोषण आहार दे जाती हैं. प्रेमवती ने आगे बताया कि जैसे ही काम खत्म हो जाएगा, वह आंगनबाड़ी जरूर जाएंगी.
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