Water Supply in Raipur: भीषण गर्मी में पेयजल के लिए देर रात तक भटकते रहे लोग, आज भी रहेगा संकट

Water Supply in Raipur: ऐसी आपाधापी मची कि सुबह से लेकर रात तक पानी के लिए जूझना पड़ा। यहां तक रतजगा भी करना पड़ा।

रायपुर । Water Supply in Raipur: पानी के लिए ऐसी स्थिति शहर में पहली बार देखने को मिली, जब शहर की 10 लाख की आबादी को सिर्फ 50 टैंकरों के भरोसे छोड़ दिया गया। ऐसी आपाधापी मची कि सुबह से लेकर रात तक पानी के लिए लोगों को जूझना पड़ा। यहां तक रतजगा भी करना पड़ा। बड़ी कालोनियों से लेकर निचली बस्तियों तक लोगों की जुबान पर पानी के अलावा कुछ नहीं रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि फिल्टर प्लांट से पानी टंकियों को जोड़ने के लिए एक अगस्त की शाम से 26 पानी टंकियों से पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। तीन अगस्त की शाम को पानी टंकियों को भरा जाएगा, जिसके बाद नलों से पानी आएगा। राजधानी में मंगलवार को जलसंकट की स्थिति यह रही है कि रामकुंड क्षेत्र में पानी इकठ्ठा करने की जगह नहीं मिली तो लोगों ने कुएं को ही भर दिया, क्योंकि पानी को एक जगह पर रखने के लिए और कोई विकल्प ही नहीं था। इसके बाद लोगों ने बाल्टी के जरिए कुएं से पानी खींचा। अन्य वार्डों में हालात और खराब भी खराब रहे।

15 मिनट में ही खाली हो गया टैंकर

कुशालपुर, कुकुरबेड़ा, ईदगाहभाठा में हालात यह रहे कि 15 मिनट में ही टैंकर खाली हो रहे थे। शहर के बाहरी क्षेत्र जोरा में भी संकट देखने को मिला। यहां हर मिनट टैंकर की मांग होती रही। सुबह से रात तक यह स्थिति देखने को मिली। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की शिकायत रही कि मांग के बाद भी समय पर टैंकर नहीं मिला, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई। निगम ने जलसंकट से निपटने के लिए पहले योजना नहीं बनाई, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई।

मोबाइल नंबरों पर नहीं मिला जवाब

निगम ने सभी जोन कार्यालयों के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबर जारी किए थे, ताकि पानी की जरूरत पड़ने पर लोग फोन कर सकें। कई जोन में स्थिति ऐसी रही कि लोग फोन लगाते-लगाते थक गए, लेकिन अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया।

आयुक्त के कमरे में धरने पर बैठे पार्षद और महिलाएं

शहीद चूड़ामणि वार्ड के पार्षद दीपक जायसवाल ने स्थानीय रहवासियों के साथ निगम आयुक्त के कमरे में ही धरना दे दिया। लोगों ने निगम प्रशासन और व्यवस्था के खिलाफ जमकर हंगामा किया। उन्होंने कहा कि बजरंग नगर, समता कालोनी, खपरा भट्ठी, रामकुंड, उत्कल बस्ती में लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाया। जरूरत 25 टैंकर की थी, लेकिन पांच भी नहीं पहुंचे। पार्षद दीपक जायसवाल ने कहा कि पानी आपूर्ति प्रभावित रहने के बाद टैंकरों से आपूर्ति में निगम प्रशासन पूरी तरह फेल रहा। हमने अल्टीमेटम दिया है कि यदि आपूर्ति बेहतर नहीं हुई तो वार्डवासी सुबह से धरने पर बैठेंगे।

नगर-निगम के महापौर एजाज ढेबर ने कहा, निगम ने पूरी ताकत के साथ प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति जारी रखी। जहां ज्यादा मांग आई, वहां लगातार पानी भेजा गया। रात को भी निगम कर्मी तैनात रहे। इंटर कनेक्शन का काम तीन अगस्त की शाम तक पूरा कर लिया जाएगा।

नगर-निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, 10 लाख की आबादी के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में निगम प्रशासन पूरी तरह फेल रहा है। पानी आपूर्ति में भी राजनीति की गई। कई वार्डोंं में लोगों को रात तक भी पानी नहीं मिला।

प्रभावित आबादी- 10 लाख

इन इलाकों में सबसे ज्यादा समस्या- रामकुंड, कुकुरबेड़ा, कुशालपुर, भाठागांव, चंगोराभाठा, डीडीनगर, ईदगाहभाठा, सरोना, टाटीबंध, कोटा, कबीरनगर, जरवाय, गोगांव, मठपुरैना, लालपुर, अमलीडह, अवंति विहार, मंडी, मोवा, सड्डू, दलदल सिवनी, रामनगर, कचना, आमासिवनी, देवपुरी, बोरियाखुर्द, जोरा और नया भनपुरी क्षेत्र, बजरंग नगर, उत्कल बस्ती आदि।

– कुल टैंकरों से सप्लाई- 50

– किराए पर लिए गए अतिरिक्त टैंकर- 20

– एक दिन में 10 लाख की आबादी को पानी की जरूरत- 60 करोड़ लीटर

– जलसंकट के दौरान निगम द्वारा एक दिन में पानी की आपूर्ति- 10 से 15 करोड़ लीटर