आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया
कोरबा, 21 जुलाई (वेदांत समाचार)। महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावना जायसवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में मोदी सरकार द्वारा खुदरा में मिलने वाले आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहूं, बाजरा,ज्वार, दूध, दही, पनीर, छाछ इत्यादि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का दुर्भाग्यपूर्ण | फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर जीएसटी के दायरे में लाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के पास महंगाई बढ़ाने के हर तर्क मौजूद है, लेकिन महंगाई कम करने के लिए एक भी उपाय केंद्र सरकार के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महंगाई के मुद्दे पर जनता के समक्ष जवाब देना ही पड़ेगा। अब से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जनता से 5 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की खाने पीने की चीजें महंगी हो गई, गैस सिलेंडर 1000 के पार, पेट्रोल डीजल 100 के पार हो गया लेकिन मोदी सरकार कहती है ये अच्छे दिन हैं,
मतलब यह महंगाई जनता की समस्या है,सरकार की नहीं।उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया जब मोदी विपक्ष में थे तब उन्होंने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था।लेकिन आज उन्होंने जनता को समस्याओं के गहरे दलदल में धकेल दिया है, जिसमें लोग रोज धंसते जा रहे हैं। उनकी इस बेबसी पर प्रधानमंत्री मौन हैं, खुश हैं और झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाने पीने की कई चीजों पर 18 जुलाई से जीएसटी लागू हो गया है। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले अनब्रांडेड खाद्य पदार्थ जैसे दाल,चावल, आटा, गेहूं समेत सभी अनाज शामिल हैं।इन पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। आज से पहले तक जीएसटी के दायरे से बाहर रहे इन सामानों की खरीद पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यम वर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा।
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