लैंको प्लांट के बाहर दूसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी, बस चालू करवाने की मांग पर अड़े, गार्ड्स से हुआ विवाद

कोरबा,20 जुलाई । कोरबा जिले में स्कूली छात्रों का लैंको प्लांट के बाहर दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। इनकी मांग है कि इनके स्कूल जाने के लिए प्लांट स्कूल बस चालू करे। बच्चों ने साफ कह दिया है कि इनकी मांगों को जब तक सुना नहीं जाता तब तक इस तरह से प्रदर्शन जारी रहेगा। इस दौरान बच्चों का प्लांट के गार्ड्स से विवाद भी हो गया है। मौके पर भारी पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।

उरगा इलाके में लैंको पावर प्लांट है। यहां मंगलवार को आस-पास के गांव के स्कूली छात्र सुबह 10 बजे से पहुंच गए थे। इसके बाद इन्होंने यहां हंगामा कर दिया और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। खबर मिलने पर प्लांट प्रबंधन और पुलिस कीे टीम मौके पर पहुंची और बच्चों को काफी समझाया गया। मगर वह नहीं माने। कोरोना काल से स्कूल बस सेवाएं बंद हैं, तब से शुरू नहीं हो सकी है। जिसका विरोध बच्चे कर रहे हैं। बुधवार को भी इनका प्रदर्शन जारी है।

प्रबंधन ने छात्रों से बात की है।

प्रबंधन ने छात्रों से बात की है।

बच्चों का कहना है कि हम अपने गांव से स्कूल जाते हैं। हमारे गांव से स्कूल काफी दूर है। कोरोनाकाल के बाद से प्लांट ने स्कूल बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। हमने कई बार मांग की, लेकिन हमारी बातों को सुना नहीं गया है। ऐसे में हमें प्रदर्शन करना पड़ा। दरअसल, ये बच्चे आस-पास के ताड़ी,ढनढनी और खोड्‌डल के रहने वाले हैं, जो इन गांवों से कई किलोमीटर दूर स्कूल आते हैं। बरसात के दिन में फिर से इनके सामने समस्या खड़ी हो गई है। जिसके चलते अब ये सड़क उतर गए हैं। प्रदर्शन करन वालों में ज्यादातर बच्चे प्लांट के भूविस्थापित लोगों के बच्चे हैं। जिनके लिए पहले प्लांट ने बस सुविधा शुरू की थी।

गार्ड्स और छात्रों के बीच विवाद हो गया।

गार्ड्स और छात्रों के बीच विवाद हो गया।

छात्रों ने मंगलवार पूरे दिन प्रदर्शन किया था। इसके बाद अगले दिन बुधवार सुबह भी वह प्लांट के गेट के सामने धरने पर बैठ गए। बुधवार को भी अधिकारियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और अब भी प्रदर्शन जारी है। इस बीच प्लांट की तरफ से गार्ड्स भी उन्हें गेट से हटाने गए थे। इस दौरान छात्रों का गार्ड्स से ही विवाद हो गया। छात्रों ने गेट को बंद कर रखा है। जिससे प्लांट के अंदर से बड़ी गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं। वहीं प्लांट के अंदर बने कॉलोनियों के लोग भी बाहर नहीं जा पा रहे हैं।

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