स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पांडे की जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया और  श्रद्धांजलि अर्पित की। क्रांति का बिगुल फूंकने वाले मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश में बलिया के निकट नगवा गांव में सरयुपारी ब्राह्मण के घर हुआ था। पिता का नाम दिवाकर पांडेय और मां का नाम अभय रानी पांडेय था।

देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत की। मात्र 22 साल की उम्र में ही वे ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री में सिपाही के तौर पर शामिल हो गए थे।  इस साल की शुरुआत में मेरठ दौरे के समय मंगल पांडे की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी फोटो शेयर कर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘ महान मंगल पांडे साहस व दृढ़ संकल्प के पर्याय हैं। उन्होंने इतिहास के बेहद कठिन समय में देशभक्ति की चिंगारी जलाई थी।’

ब्रिटिश हुकूमत ने गुपचुप तरीके से दे दी थी फांसी
बैरकपुर परेड मैदान कलकत्ता के निकट 29 मार्च 1857 को रेजीमेंट के अफसर लेफ्टिनेंट बाग द्वारा जोर-जबर्दस्ती किए जाने पर मंगल पांडे ने उन पर हमला कर दिया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ किसी भी सैनिक का यह पहला विरोध था। इसके बाद तो मंगल पांडे पर धार्मिक उन्माद का आरोप लगा और गिरफ्तार करने का आदेश भी जारी हो गया लेकिन इसके बाद मंगल पांडे को गिरफ्तार करने से सबने इंकार कर दिया। ‘मारो फिरंगियों को’ का हुंकार देने के साथ ही मंगल पांडेय ने सिपाहियों से ब्रिटिश हुकूमत का विरोध करने के लिए कहाऔर हथियार उठा लिया था। उन्होंने सार्जेंट मेजर ह्यूसन को गोली मार दी।

मंगल पांडे ने अपनी गिरफ्तारी से पहले ही खुद को गोली मार ली लेकिन घाव गहरा नहीं था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई और उन पर कोर्ट मार्शल कर 18 अप्रैल को फांसी पर चढ़ाने की सजा दी गई। इसके बाद भी ब्रिटिश शासन को भय था और इसलिए मंगल पांडे को 10 दिन पहले यानी 8 अप्रैल 1857 को गुपचुप तरीके से फांसी पर चढ़ा दिया।