15 जुलाई से लगेगी कोरोना वैक्सीन की फ्री बूस्टर डोज, यहां जानें प्रक्रिया…

नई दिल्ली । सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की सतर्कता डोज  मुफ्त में लगेगी। सरकार इसके लिए 15 जुलाई से 75 दिनों तक विशेष अभियान चलाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दे दी गई। अभी तक सिर्फ 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों, हेल्थ व फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए ही सतर्कता डोज मुफ्त में देने का प्रावधान है। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 18 से 59 साल तक के वयस्कों के लिए कोरोना वैक्सीन की सतर्कता डोज मुफ्त में देने का फैसला लिया गया है। यह डोज सिर्फ सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर में ही लगेगा। निजी अस्पतालों व डिस्पेंसरी में सतर्कता डोज लेने की स्थिति में पहले की तरह इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कोरोना के कई वैरिएंट इस समय सामने आ चुके हैं। हर वैरिएंट का अलग असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद भी लोगों की इम्यूनिटी कमजोर पड़ने लगती है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भी संक्रमण के कई मामले देखने को मिले थे। ऐसे में उसी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज निकाली गई है। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ेगी ही, इसके अलावा कोरोना होने के बाद भी कभी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलेंगे।

कौन लगवा सकता है बूस्टर डोज?
सतर्कता डोज 18 साल से ऊपर का हर व्यक्ति लगवा सकता है। पहले तो बूस्टर डोज सिर्फ बुजुर्ग लोगों के लिए जरूरी बताई गई थी। लेकिन इसी साल अप्रैल महीने में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बूस्टर डोज का दायरा बढ़ा दिया था। 18 साल से ऊपर वालों के लिए भी बूस्टर डोल का विकल्प खोल दिया गया था। यहां ये जानना जरूरी है कि सरकार ने अब बूस्टर डोज लगवाने के अंतराल को भी कम कर दिया है। पहले दूसरी डोज लग जाने के 9 महीने बाद ही कोई बूस्टर लगवा सकता था। लेकिन इसे कम करते हुए सरकार ने अब 6 महीना कर दिया है।

देश के हर प्राइवेट अस्पताल में बूस्टर डोज की सुविधा दी गई है। कुछ राज्यों में दोनों सरकारी और प्राइवेट सेंटरों में बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है। बूस्टर की कीमत 350 से 375 रुपये के बीच में रखी गई है। लेकिन सरकार के नए ऐलान के बाद 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज फ्री में लगाई जाएगी। यानी अब 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति जिसने छह महीने या उससे अधिक पहले कोरोना वैक्सीन की दूसरी ले ली थी, सरकारी सेंटर पर जाकर सतर्कता डोज ले सकता है। सतर्कता डोज लेने वालों की कम संख्या को देखते हुए कैबिनेट के इस फैसले को अहम माना जा रहा है।

कोरोना बूस्टर डोज लगवाने की क्या है प्रक्रिया?
अगर आपने कोविशील्ड या कोवैक्सीन में से किसी एक वैक्सीन की दोनों खुराक ले रखी हैं तो आपको पहले दी गई वैक्सीन की ही बूस्टर डोज लगाई जाएगी। वहीं, अगर आपने CoWin ऐप पर पहले से रजिस्ट्रेशन करा रखा है, तो पात्र लोगों को इसी ऐप से बूस्टर डोज के लिए मैसेज आएगा। आप https://selfregistration.cowin.gov.in/ पर जाकर अपना स्लॉट बुक करा सकते हैं।

अब तक कोरोना वैक्सीन के 199.12 करोड़ डोज लगाए जा चुके
दरअसल पिछले साल 16 जनवरी से शुरु हुए कोरोना टीकाकरण अभियान में अभी तक वैक्सीन के 199.12 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जो लोग वैक्सीन के योग्य हैं, उनमें 96 फीसद को एक डोज और 87 फीसद को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान संक्रमित लोगों में गंभीर लक्षण रोकने और मरने से बचाने में वैक्सीन की अहम भूमिका निभाई थी। पिछले कुछ महीने से नए सिरे से कोरोना से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई विशेषज्ञ सतर्कता डोज के कवरेज को बढ़ाने की जरूरत पर बल दे रहे थे।

सरकार के निर्णय से बढ़ेगी बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या
दरअसल देश में 18 से 59 साल के बीच के वयस्कों की संख्या लगभग 77 करोड़ है। इसमें से केवल एक फीसद ने ही अभी तक सतर्कता डोज लिया था। वहीं 60 साल से अधिक उम्र के बुर्जुगों, हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर्स 16 करोड़ है, जिनमें से 26 फीसद ने सतर्कता डोज ले लिया है। माना जा रहा है कि सतर्कता डोज की लगने वाली कीमत वयस्क लोगों के बीच इसके प्रति उदासीनता की बड़ी वजह है। जाहिर है सरकारी केंद्रों में मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या बढ़ेगी।