मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना की राशि किया जारी

कांकेर । प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों से 15 जून से 30 जून तक क्रय किए गए गोबर के एवज में 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि आॅनलाइन जारी की, जिसमें कांकेर जिले के 1300 हितग्राहियों के लिए 08 लाख 66 हजार 972 रूपये आॅनलाईन जारी किये गये। मुख्यमंत्री बघेल की ओर से राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत भी हितग्राहियों के लिए अनुदान जारी किया गया, जिससे कांकेर जिला की हितग्राही प्यारी टांडिया, भोज बेलोदिया, प्रेमिता भेड़िया और अंजू कुल्हरिया भी लाभान्वित हुई हैं। वे सभी ग्राम पोटगांव गौठान के स्व-सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। प्रत्येक हितग्राही को 70 हजार रुपए की लागत के जर्सी नस्ल की दुधारू गाय एवं बछड़ा दिया गया है, जिसके लिए पशुधन विकास विभाग के मद से 46 हजार 620 रुपए और शेष राशि डीएमएफ मद से अनुदान में दी गई है। गाय-बछड़ा के लिए तीन महीने का दाना भी दिया गया है, साथ ही पशुधन विभाग की ओर से देखरेख भी किया जाएगा।

दुधारू गाय प्राप्त होने से हितग्राही महिला अंजू कुल्हारिया ने खुशी का ईजहार करते हुए कहा कि प्रतिदिन 10 लीटर दूध मिलेगा जिसे कांकेर ले जाकर बेचेंगे तथा गाय के गोबर को अपने गांव के गौठान में बेचकर आमदनी प्राप्त करेंगे। राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गाय-बछड़े की अच्छी तरह देखभाल की जाएगी।

योजनाओं का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें : शिशुपाल शोरी

कांकेर विकासखंड के ग्राम पोटगांव के गौठान में आयोजित हमर गरूवा, हमर गौठान में हितग्राहियों को गोधन न्याय योजनांतर्गत आॅनलाईन राशि जारी करने तथा राज्य उद्यमिता विकास योजनांतर्गत अनुदान राशि का आॅनलाईन वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व कांकेर विधानसभा के विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की ओर से ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा दो रूपये किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिसे वर्मी कम्पोस्ट बनाकर समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक गांव के लोग आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तब तक प्रदेश का विकास संभव नहीं है। राज्य सरकार सुराजी गांव योजना के माध्यम से इसके लिए लगातार कार्य कर रही है, आप सब मिलकर इसे आगे बढ़ायें, इसे अपना काम समझें तभी आपका सपना पूरा होगा। शोरी ने कहा कि घर-परिवार की समृद्धि में महिलाओं की बड़ी भूमिका होती है, वे घर की लक्ष्मी होती हैं, उनसे ही बचत होती है। आप सब सरकार की योजनाओं का लाभ उठायें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें।

जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत धु्रव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि राज्य सरकार की ओर से राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत महिलाओं को दुधारू गाय-बछड़ा प्रदान कर मदद की जी रही है। गाय-बछड़े की अच्छी तरह सेवा करें तथा उसकी दूध और गोबर को बेचकर आमदनी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा अच्छे से करेंगे तो ज्यादा दूध मिलेगा। दूध बचने से उसका पनीर बनाकर भी बेचा जा सकता है। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजनांतर्गत बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी भागीदारी निभा रही हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है।

कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप जिस गतिविधि से जुड़ी हुई हैं, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। ऐसा कार्य करें, जो आपके लिए भविष्य में लाभदायक हो। इससे आप आर्थिक आमदनी प्राप्त कर घर की लक्ष्मी बन सकती हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन जनक नंदन कश्यप की ओर से किया गया। इस अवसर पर बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य बिरेश ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्य कायर्पालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सुभद्रा सलाम, कांकेर जनपद उपाध्यक्ष रोमनाथ जैन, विधायक प्रतिनिधि सुनील गोस्वामी, पोटगांव के सरपंच मानेश कुल्हरिया, कोदागांव के सरपंच पंचूराम नायक सहित जनपद सदस्य, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य व ग्रामीणजन बड़ी संख्या में मौजूद थे।