पेण्ड्रा में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा : भूपेश बघेल

 

जिले के तीनों विकासखण्ड में 25-25 लाख की लागत से बनेंगे आदिवासी सामुदायिक भवन

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार की शाम गौरेला के बहुउद्देशीय हायर सेकंडरी स्कूल में आयोजित आदिवासी समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा किसी भी समाज की तरक्की के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जरूरी है। हमारी सरकार सभी वर्गों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक बेहतरी के लिए निरंतर काम कर रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज की मांग पर जिले के तीनों विकासखण्डों में आदिवासी सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 25-25 लाख रूपए स्वीकृत किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जिले के प्रत्येक देवगुड़ियों के विकास के लिए 5-5 लाख रूपए की मंजूरी और बैगाओं को प्रतिवर्ष 7 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम के प्रारंभ में रानी दुर्गावती, बिरसामुण्डा, एवं स्वर्गीय डॉ. भंवर सिंह पोर्तें के चित्र पर माल्यार्पण कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू कर किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ दिया है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना लागू कर सिर्फ़ मज़दूरी पर निर्भर लोगों को आर्थिक सहायता देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम न सिर्फ 65 लघुवनोपजों की ख़रीदी कर रहे हैं बल्कि उनका वैल्यू एडिशन और ग्रामीण उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करा रहे हैं। गौठान को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां अनेक आजीविकामूलक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। मरवाही क्षेत्र में गौठान से लोग जुड़कर आर्थिक उन्नति के नए अवसर प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के पढ़े-लिखे लोगों की ज़िम्मेदारी है कि अपने आसपास के लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक करें।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पर्यटन के लिहाज से बहुत सुंदर जिला है। यहां पर्यटन की बहुत संभावना है, इस दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने इस मौके पर रानी दुर्गावती और स्वर्गीय भंवर सिंह पोर्ते का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के साथ जीवन यापन करता था। बहुत संतोषी और स्वाभिमानी समाज है। वनधन समितियों के माध्यम से हमने रोजगार को बढ़ावा देने का प्रयास प्रदेश में किया है, जिससे आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शुद्धता और ब्रांडिंग समय की जरूरत है।

महुआ जमीन में गिरकर खराब हो जाता था। पेड़ के नीचे नेट लगाया। कीमत बढ़ गई। इंग्लैंड में भी यह 116 रूपये में बिका। मरवाही का चावल प्रसिद्ध है। ढेंकी की सुविधा उपलब्ध कराई है। कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था गांव में करेंगे। कोदो कुटकी की खेती को राजीव गांधी न्याय योजना से प्रोत्साहन मिला। हाट बाजार क्लिनिक योजना से लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले हैं। रानी दुर्गावती महाविद्यालय में पीजी क्लास आरम्भ करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री के आदिवासी सम्मेलन में पहुंचने पर समाज के पदाधिकारियों ने उन्हें खुमरी, महुआ फूल की माला, गमछा पहनाकर और डंडा भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक डॉ. के. के. धु्रव, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना पोर्ते, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित आदिवासी समाज के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।

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