झीरम घाटी की न्यायिक जांच रोकने की मांग वाली याचिका के विरोध में हस्तक्षेप याचिका दाखिल…

अगली सुनवाई 10 अगस्त को

बिलासपुर । हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की खण्डपीठ में 4 जुलाई को धरमलाल कौशिक की उस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्होंने झीरम घाटी घटना की न्यायिक जांच के लिये बनाये गये दूसरे आयोग को रद्द करने की मांग की है। गौरतलब है कि गत 11 मई को इस याचिका के सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में आयोग की कार्यवाही पर आगामी तिथि तक रोक लगा दी थी।

इस मामले में परिवर्तन यात्रा में शामिल रहे कांग्रेस नेता दौलत रोहरा ने एक हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की और धरमलाल कौशिक की याचिका को खारिज कर जांच आयोग को आगे कार्य करने देने की मांग की। रोहरा के तरफ से यह जनहित याचिका अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और मानस बाजपेयी ने प्रस्तुत की है।

सुनवाई के दौरान धरम लाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने राज्य शासन द्वारा प्रस्तुत जवाब का प्रतिउत्तर देने के लिये 10 दिन के समय की मांग की वही हस्तक्षेप याचिका पर आपत्ति जताई। राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत एडीशनल ए.जी. चन्द्रेश श्रीवास्तव ने आयोग की कार्यवाही पर स्टे का हवाला देते हुये सुनवाई कि तिथि नियत करने की मांग की। खण्ड पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 10 अगस्त मामले की अगली सुनवाई तय की है। उस दिन तक शासन के जवाब का प्रतिउत्तर और हस्तक्षेप याचिका पर लिखित आपत्ति याचिका कर्ता के द्वारा प्रस्तुत की जा सकेगी। अभी तक इस मामले में न्यायिक जांच आयोग की तरफ से कोई अधिवक्ता पेश नहीं हुआ है। जबकि उसे 11 मई को ही नोटिस जारी करने का आदेश हुआ था।

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