भगवान शिव को हल्दी चढ़ाने से नहीं मिलता पूजा का पूर्ण फल, जानिए आखिर क्यों ?

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न तरह की वस्तुएं चढ़ाते हैं जो आराध्य को पसंद होती हैं। इसी पूजा से प्रसन्न होकर वह मनोवांछित फल का आशीर्वाद देते हैं। इसी तरह भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, धतूरा, बेर, सफेद चंदन के साथ-साथ विभिन्न तरह की चीजें चढ़ाते हैं। इसी तरह कुछ चीजें हैं जिन्हें भगवान शिव को बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव को हल्दी अर्पित करने की मनाही होती है। जानिए इसका कारण, साथ ही जानिए कौन सी अन्य चीजें भी अर्पित नहीं करना चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार, हल्दी का संबंध स्त्रियों से होता है और भगवान शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है। इस कारण भगवान शिव को भी हल्दी चढ़ाना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को हल्दी चढ़ाने से वह जल्द रुष्ट हो जाते हैं और पूजा का पूर्ण नहीं मिलता है।

वहीं दूसरी मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग में हल्दी चढ़ाना चाहिए। क्योंकि शिवलिंग दो भागों से मिलकर बनी है। पहला भाग मां पार्वती और दूसरा भगवान शिव।

भगवान शिव न चढ़ाएं ये चीजें

  • शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को लाल रंग का फूल, केतकी आदि के फूल चढ़ाने की मनाही है। क्योंकि इससे भगवान शिव जल्द रूष्ट हो जाते हैं। इसके बाद भगवान को सफेद रंग के या फिर नीले रंग के फूल चढ़ाएं।
  • भगवान शिव को तुलसी की पत्ती भी चढ़ाने की मनाही होती है। क्योंकि भगवान विष्णु और शिव जी को राक्षस जालंधर की पत्नी वृंदा ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति आपको तुलसी चढ़ाएं उस पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा।
  • भगवान शिव को शंख से भी जलाभिषेक नहीं किया जाता है। शिवपुराण के अनुसार, शंखचूड़ नामक एक दैत्य था जिसका वध भगवान शिव ने किया था। इसी कारण भगवान शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल करने की मनाही है।
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