राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को किया जागरूक

बलौदाबाजार । राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के प्रति जागरूकता करने के उद्देश्य से विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। डेंगू एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है। जिसमें सिर में दर्द,तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और त्वचा पर चकत्ते भी निकल आते हैं। डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है।

प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य लोगों में डेंगू से बचाव और अपने आसपास को स्वच्छ रखने के लिये जागरूक किया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस ’डेंगू इज प्रिवेंटिएबल : लेट्स जॉइन हैंड्स’ की थीम पर मनाया जा रहा है।

इस वर्ष भी डेंगू दिवस मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एम पी महिस्वार के मार्गदर्शन में मनाया गया। इस बारे में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया,’’मच्छरों के काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियां होती है। छोटी-छोटी बातें आपको मच्छर के काटने से बचा सकती है। डेंगू के प्रति जागरूक रहकर हम इससे बच सकते हैं। डेंगू से अफ्रीका, अमेरिका,पूर्वी भू-मध्य सागर, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिम प्रशांत सहित 100 से अधिक देश प्रभावित हैं।

यह भारत में विशेषकर बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। डेंगू का लार्वा मुख्य तौर पर जमे हुए साफ पानी में पैदा होता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है । यही वजह है कि इस वक्त काफी सतर्क रहना जरूरी होता है। पहले के मुकाबले लोगों में डेंगू की बीमारी को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है । अब भी देश के अंदरूनी इलाकों में इस बीमारी के प्रति और जागरूकता फैलाने की जरूरत है। दिन में सोते समय भी मच्छरदानी लगाएं समय पर इलाज कराने पर मरीज स्वस्थ हो जाता है। डेंगू में लापरवाही भारी पड़ सकती है। शासकीय चिकित्सालयों में इसके लिए नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था है।

एडीज एजिप्टी एक ऐसा मच्छर है जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया,जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। पूरी तरह से परिपक्व एडीज एजिप्टी मच्छर का औसत जीवनकाल दो से चार सप्ताह है,लेकिन शुष्क जलवायु में, उनके अंडे एक वर्ष तक रहते हैं। इसलिए, बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ,मच्छरों के प्रजनन और परिणामस्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में  किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं।

क्या है डेंगू

डेंगू बुखार मच्छर जनित वायरल बीमारी है इसमें सिर में दर्द, तेज बुखार,मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते निकल आते हैं। यह मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते लेकिन लापरवाही की गई तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार का रूप ले सकता है जिसमें भारी रक्तस्राव,ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट और अंत में स्थिति अत्यंत गंभीर भी हो सकती है।

डेंगू के लक्षण क्या है

डेंगू दो तरीके का होता है, सामान्य और गंभीर । संक्रमित होने पर इसके लक्षण 4 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं। हल्के या सामान्य लक्षण में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों, और जोड़ों में दर्द, उल्टी,जी मचलाना, आंखों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते होना,ग्रंथियों में सूजन होना हैं। जबकि गंभीर मामले होने पर गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव,मल,मूत्र या उल्टी में खून आना, त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना,सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन या बेचैनी हैं।

डेंगू से कैसे करें बचाव

डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने न दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पैदा होने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग न होने पर उसका पानी खाली कर दें। घर की छत पर रखे गमलों अन्य चीजे जिसमें पानी जमा होता है उनको खाली कर दें। इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में जमा ना होने दें। डेंगू के लार्वा तेजी से फैलते हैं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल करें।

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