NTPC बालिका सशक्तीकरण अभियान : बच्चों को मिला अपनी प्रतिभा, क्षमता दर्शाने का मौका 

NTPC बालिका सशक्तीकरण अभियान : बच्चों को मिला अपनी प्रतिभा, क्षमता दर्शाने का मौका 

नई दिल्ली । बालिकाओं को सशक्त बनाने और उनके सपनों को साकार करने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड का बालिका सशक्तीकरण अभियान सफलता की नई ऊँचाईयों तक पहुंच गया है। एनटीपीसी परियोजना के आस पास गांव की बालिकाओं के उत्थान के प्रयासों के चलते भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की बड़े पैमाने पर प्रशंसा की गई है। कंपनी ने इस साल लगभग 35 प्रोजेक्ट लोकेशन्स पर इस पहल को बढ़ाने की योजना बनाई है।

बालिका सशक्तीकरण अभियान देशभर की बालिकाओं को सशक्त बना रहा है, उन्हें बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आत्मरक्षा के बारे में जागरुक बना रहा है। इस पहल के माध्यम से एनटीपीसी ने खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में फैली रूढ़ीवादी अवधारणाओं को दूर करने और बालिका भ्रूण हत्या की समस्या को हल करने का प्रयास किया है। इससे बच्चों को अपनी प्रतिभा एवं क्षमता दर्शाने का मौका मिला है

एक ज़िम्मेदार काॅर्पोरेट होने के नाते एनटीपीसी ने 2018 में बालिका सशक्तीकरण अभियान की शुरूआत की थी, तब से कंपनी अपनी प्रोेजेक्ट लोकेशन्स के आस-पास वंचित समुदायों की बालिकाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

साल 2019 में बालिका सशक्तीकरण अभियान से 20 प्रोजेक्ट लोकेशन्स की 2300 बालिकाओं को लाभ हुआ। एनटीपीसी ने विभिन्न प्रोजेक्ट लोकेशन्स जैसे दादरी, कोरबा, फरक्का, सिपत, सिंगरौली, कावस, रामागुंडम, सिमहाद्री एवं अन्य क्षेत्रों में 10-12 वर्ष की छात्राओं का नामांकन किया है। इन बालिकाओं को न सिर्फ अकादमिक क्षेत्र में बल्कि योगा, आत्मरक्षा, फाईन आर्ट्स में भी प्रशिक्षण दिया गया है। इससे बालिकाओं में रचनात्मक सोच एवं टीम भावना का विकास हुआ है।

बालिका सशक्तीकरण अभियान सुनिश्चित करता है कि इन बच्चों का समग्र विकास हो, उन्हें गुणवत्तापूर्ण संचार एवं सामाजिक कौशल के पर्याप्त अवसर मिलें। यह मिशन विशेष रूप से बालिकाओं में रचनात्मकता, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास, मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देता है।

अपनी शुरूआत से ही कंपनी सीएसआर प्रयासों के माध्यम से समाज के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रयासरत रही है। एनटीपीसी आने वाले समय में भी अपने इन प्रयासों को जारी रखेगी ताकि अन्य समुदायों के लोग गरिमा एवं मर्यादा के साथ जीवन जी सकें।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]