राजस्थान के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर के तीसरे दिन राहुल गांधी ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, भाजपा में दलितों को अपमान होता है। वहां किसी की बात भी नहीं सुनी जाती है। कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है जहां सभी को बिना डरे अपनी बात रखने का मौका मिलता है। पार्टी में सभी को यह अधिकार दिए गए हैं।
राहुल ने कहा, हमें बिना कुछ सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए, उनकी समस्याओं को समझना चाहिए। जनता के साथ हमारा जो कनेक्शन था उसे फिर से बनाना पड़ेगा। जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से पूरा करेगी। ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है।
सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है। एक तरफ बेरोजगारी और दूसरी तरफ महंगाई है। यूक्रेन में युद्ध हुआ है, आने वाले समय में मुद्रा स्फीति पर भी इसका असर पड़ेगा। इसका हल निकालना जरूरी है। राहुल ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी लाकर केंद्र ने देश को बड़ी चोट दी है।
मेरी लड़ाई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा से
राहुल गांधी ने कहा, देश में नफरत और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है, हमारी लड़ाई उसके खिलाफ है। कांग्रेस एक परिवार है और मैं आपके परिवार का हूं। मेरी लड़ाई आरएसएस और भाजपा की विचाराधारा से है। यह लोग नफरत और हिंसा फैलाते हैं। मैं इसके खिलाफ लड़ रहा हूं और आगे भी लड़ना चाहता हूं। उन्होंने कहा, मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि मेरे देश में इतनी नफरत और हिंसा फैल सकती है।
वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत
उदयपुर में नव संकल्प शिविर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कभी-कभी हमारे वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता अवसाद में चले जाते हैं। यह सामान्य है क्योंकि यह एक आसान लड़ाई नहीं है। यह लड़ाई एक क्षेत्रीय पार्टी द्वारा नहीं लड़ी जा सकती, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है।
कार्य समिति की बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कई अहम बदलावों पर मुहर लगा दी गई है। एक परिवार के एक ही सदस्य को टिकट देने का प्रस्ताव पास हो गया है। इसके अलावा पांच साल संगठन में सक्रिय रहने के बाद ही परिवार के किसी दूसरे नेता को टिकट दिया जाएगा। अब कोई भी नेता पार्टी में पांच साल तक ही पद पर रह सकेगा। तीन साल संगठन के लिए काम करने के बाद उसे फिर से पद दिया जाएगा।
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