Suchitra Krishnamoorthi: ‘प्यार के लिए दरवाजे बंद नहीं किए लेकिन खुले भी नहीं हैं’, लव लाइफ को लेकर बोलीं सुचित्रा कृष्णमूर्ति

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के साथ फिल्म ‘कभी हां कभी ना’ (Kabhi Haan Kabhi Naa) में नजर आईं सुचित्रा कृष्णमूर्ति (Suchitra Krishnamoorthi) अपनी निजी जिंदगी को लेकर हमेशा चर्चा में रही हैं। फिल्म में सुचित्रा के किरदार को खूब प्यार मिला था। डायरेक्टर शेखर कपूर (Shekhar Kapur) से शादी करने के बाद सुचित्रा फिल्म इंडस्ट्री से एकदम गायब हो गईं। हालांकि साल 2007 में दोनों का तलाक हो गया। अब सुचित्रा अपनी बेटी की सिंगल मदर हैं और अकेले ही उसकी परवरिश कर रही हैं। हाल ही में एक बातचीत के दौरान सुचित्रा ने अपने और अपनी निजी जिंदगी के  बारे में खुलकर बातचीत की।

अब नहीं बैठना चाहती घर

टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में सुचित्रा ने करियर के साथ-साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी बात की। अपने करियर पर सुचित्रा ने कहा, ‘मैं स्कूल और कॉलेज के दिनों में काफी थिएटर करती थी। यहां तक कि टीवी सीरीज ‘चुनौती’ के लिए मुझे इसीलिए चुना गया क्योंकि मैं थिएटर में ऐक्टव थी लेकिन यह सब शादी के पहले की बात है। शादी के बाद मैंने एक्टिंग छोड़ दी और अब थिएटर कर रही हूं। अभी जो प्ले ‘ड्रामा क्वीन’ मैं कर रही हूं, यह मैंने खुद ही लिखा है, इसका म्यूजिक मैंने दिया है और यह मेरी इसी नाम से लिखी किताब पर आधारित है।’ सुचित्रा आगे कहती हैं, ‘मेरी बेटी अब कॉलेज जाने लगी है और मैं फिर से एक्टिंग करना चाहती हूं। अब और नहीं घर बैठना चाहती।’

आसान नहीं सिंगल मदर होना

सिंगल मदर होने के बारे में सुचित्रा कहती हैं, ‘सिंगल मदर होना बहुत मुश्किल होता है। मुझे बहुत सारे ऑफर मिल रहे थे लेकिन मैं अपनी बेटी को घर पर अकेला छोड़कर काम पर नहीं जा सकती थी। मेरे लिए मेरी बेटी सबसे पहले है। अब बेटी कॉलेज जाने लगी तो मैं काफी अकेली हो गई थी, फिर मैंने दोस्तों से बात की और कहा कि मैं काम पर वापस आना चाहती हूं।’

लव लाइफ के लिए ऐसे हैं विचार

शेखर कपूर से तलाक के बाद सुचित्रा ने ना ही शादी की और ना ही किसी के साथ उनकी डेटिंग की खबरें आईं। शादी और प्यार के बारे में बात करते हुए सुचित्रा का कहना है, ‘मैं सिंगल काफी खुश हूं लेकिन अब मुझे झिक-झिक, बक-बक नहीं चाहिए। मैंने अपनी जिंदगी में प्यार के लिए दरवाजे बंद नहीं किए हैं लेकिन पूरी तरह खुले हुए भी नहीं हैं। समय के साथ मैं खुद पर काफी निर्भर हो चुकी हूं और मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं है।