बिजनेस डेस्क। शेयर बाजारों में पिछले कुछ महीनों से काफी उतार-चढ़ाव है। कभी यह 1000 अंक नीचे जाता है तो 500 अंक ऊपर जाता है। खासकर भू-राजनीतिक संकट के कारण ऐसा हो रहा है और साथ ही वैश्विक स्तर महंगाई और केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों को बढ़ाने के कारण बाजार पर दबाव है। ऐसे माहौल में निवेशकों के लिए वैल्यू डिस्कवरी फंड एक अच्छा फायदा दे सकता है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 15 सालों का जिन 3 फंडों का ट्रैक रिकॉर्ड है उन्होंने बेहतर फायदा दिया है। अगर किसी ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के वैल्यू डिस्कवरी फंड में 18 साल पहले 10 लाख रुपये का निवेश किया होगा तो वह रकम अब 2.5 करोड़ रुपये हो गई है। जबकि निफ्टी 500 वैल्यू 50 टीआरआई में यह केवल 1.3 करोड़ रुपये हुआ होगा। एक साल में इसका रिटर्न 27.98 फीसदी तो 10 साल में 17.75 फीसदी रहा है। 15 साल में इसका चक्रवृद्धि दर से रिटर्न 16.18 फीसदी रहा है।
इसी अवधि में निप्पोन का रिटर्न एक साल में 24.19, 10 साल में 15.82 और 15 साल में 14.57 फीसदी का फायदा रहा है। इन्वेस्को इंडिया कांट्रा फंड की बात करें तो इसने 1 साल में 17.21, 10 साल में 17.22 और 15 साल में 14.11 फीसदी का फायदा दिया है। वैल्यू फंड की बात करें तो यह संपत्तियों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है। 2004 अगस्त में किसी ने 10 हजार रुपये की मासिक एसआईपी आईसीआईसीआई के वैल्यू फंड में की होगी तो यह रकम अब 1.1 करोड़ रुपये हो गई है। जबकि इसके बेंचमार्च निफ्टी 500 वैल्यू 50 टीआरआई में यह केवल 72 लाख रुपये हुई है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के जाने माने फंड मैनेजर और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के सीआईओ एस. नरेन का मानना है कि निकट समय में बाजार कैसा व्यवहार करेगा, यह अनुमान लगाना काफी मुश्किल है। लंबे समय के लिए अभी की बाजार की गिरावट एक अच्छा निवेश का अवसर लेकर आई है। निवेशकों को ऐसे माहौल में एसआईपी का रास्ता अपनाना चाहिए।
जानकारों का मानना है कि कोरोना के समय में वैल्यू की थीम एक बेहतर थीम बनकर उभरी है। एक ऐसे माहौल में जब ब्याज दरें ऊपर की ओर जा रही हैं, तेल की कीमतें भी ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में मेटल, एनर्जी और कोयला के सेगमेंट में निवेशकों की दिलचस्पी दिख रही है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का वैल्यू डिस्कवरी फंड ने 10 और 15 सालों की अवधि में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला रहा है।
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