नई दिल्ली । डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोरोना से हुई मौत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना के चलते 47 लाख लोगों की मौत हुई। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच 47 लाख लोगों की मौत हो गई। वहीं, भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़े कुछ और ही कहता है। भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़े के अनुसार भारत में कोरोना के से पांच लाख से कुछ ज्यादा लोगों ने जान गंवाई। भारत सरकार ने डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करवा दी है।
डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि कोरोना महामारी के कारण अभी तक दुनिया में क़रीब डेढ़ करोड़ लोगों की मौत हुई है। ये आँकड़ा दो साल में कोविड के कारण हुई मौतों की तुलना में 13 प्रतिशत ज़्यादा है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि कई देशों ने कोविड से मरने वालों की संख्या की कम गिनती की है। संगठन के मुताबिक़ सिर्फ़ 54 लाख मौत को आधिकारिक किया गया है।
भारत सरकार ने उठाए सवाल
डब्ल्यूएचओ ने भारत में मृतकों की जो संख्या बताई है वो संख्या दुनियाभर में हुई मौतों की एक तिहाई है। मगर भारत सरकार ने डब्ल्यूएचओ के आंकलन के तरीकों पर सवाल उठाए हैं। उसने साथ ही जो मॉडल इस्तेमाल किया गया है उसकी वैधता को लेकर भी सवाल किए हैं।
डब्ल्यूएचओ को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने कहा है कि अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर भारत की कड़ी आपत्ति जताए जाने के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है। साथ ही सरकार ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इन अनुमानों को जारी करते वक्त सरकार की चिंताओं पर काम नहीं किया। भारत के मुताबिक जिस तकनीक या मॉडल के जरिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये आंकड़े इकट्ठा किए हैं, वो ठीक नहीं है। जारी बयान में कहा गया कि भारत की आपत्तियों के बावजूद भी डब्ल्यूएचओ ने पुरानी तकनील और मॉडल के जरिए मौत के आंकड़े जारी कर दिए हैं, भारत की चिंताओं पर सही तरीके से गौर नहीं किया गया।
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