IPS Dipka Summer Camp : विद्यार्थी कैंप में पर्सनालिटी डेवलपमेंट से संबंधित विभिन्न एक्टिविटी से स्वयं के आत्मविश्वास में कर रहे वृध्दि

⭕ किसी व्यक्ति का पूरा स्वभाव तथा चरित्र ही उसका व्यक्तित्व कहलाता है-डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा,04 मई (वेदांत समाचार)। व्यक्तित्व एक व्यापक शब्द है । यह अपने-आप में उन विशेषताओं और गुणों को जोड़ती है जो उसे एक अलग पहचान देते हैं । यही बातें उसे औरों से अलग करती है । इस प्रकार व्यक्तित्व विकास कोई रातों-रात का कार्य नहीं है । व्यक्तित्व को संवारने और आकार देने के लिए बहुत समय और प्रयास की आवश्यकता होती है । व्यक्तित्व विकास में इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, एकाग्रता, स्मृति और मुस्कान शामिल है । इच्छाशक्ति व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक प्रमुख कारकों में से एक है । यह एक घटना है जो मानव मन में निहित है । इसे संवारने आकार देने और दोहन करने की जरूरत है । इस संबंध में एकाग्रता, ध्यान और विश्वास बहुत मददगार हो सकते हैं । संसार में जितने भी महापुरूष सफलता के शिखर पर पहुँचे वे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले पुरूष थे । सभी प्रतिभाओं, विद्वानों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों में यह गुण प्रचुर मात्रा में था । यह उनकी इच्छाशक्ति थी जिसने उन्हें सभी बाधाओं के खिलाफ उठने में मदद और मार्गदर्शन किया । दृढ़ इच्छाशक्ति से आत्मविश्वास का विकास होता है । जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास बहुत आवश्यक है । असफलताएँ और कठिनाइयाँ एक आत्मविश्वासी व्यक्ति को हतोत्साहित नहीं करती है ।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में संचालित समर कैंप में विद्यार्थियों के लिए विशेष तौर पर पर्सनालिटी डेवलपमेंट की कई एक्टिविटीज करवाई जा रही है जिससे कि विद्यार्थी स्वयं को अन्य के समक्ष अच्छी तरह प्रस्तुत करे । उनमें आत्मविश्वास बोलने की कुशलता व निर्भयता के गुण विकसित करने के लिए पर्सनालिटी डेवलपमेंट के अंतर्गत कई एक्टिविटीज करवाई जाती है । विद्यार्थियों को सबके समक्ष कैसे बोलना है शब्दों में विनम्रता, आत्मविश्वास व वाणी में कुशलता कैसे लानी है, स्वयं को लोगों के सामने किस तरह प्रस्तुत करना है । बातों में आरोह-अवरोह कैसा व कितना होना चाहिए इन सभी बातों को विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में स्थान देने का निरंतर प्रयास समर कैंप में किया जा रहा है । इंचार्ज शिक्षिका श्रीमती रंजीत कौर, नाजनीन सिद्दीकी व श्रीमती सोमा सरकार विद्यार्थियों को प्रतिदिन अलग-अलग प्रयोगों और नवाचारों के माध्यम से एक कुशल व्यक्तित्व बनाने की ओर प्रयासरत है । विभिन्न कहानियों एवं नाटकों का मंचन विद्यार्थियों से करवाकर उनकी प्रस्तुति एवं बोलने की कला को निखारने का प्रयास किया जा रहा । प्रतिदिन एक नए विषय व चरित्र के साथ विद्यार्थी स्वयं को प्रस्तुत करने का प्रयास करता है । अलग-अलग प्रेरक कहानियों के माध्यम से भी बच्चे विभिन्न कैरेक्टर में स्वयं को ढालकर आत्मविश्वास से अपनी-अपनी बातों को बोलकर एक स्वस्थ मनोरंजन करते हैं । संबंधित शिक्षिकाएँ निरंतर बच्चों के कॉन्फिडेंस व कम्यूनिकेशन स्किल को इम्प्रूव करने का प्रयास कर रहे हैं । प्रतिदिन विद्यार्थियों को स्टेज पर अलग-अलग बुलाकर अपना परिचय देने के साथ-साथ फेवरेट फूड्स के बारे में बताने, पसंदीदा स्थान, विषय, कार्टून कैरेक्टर इत्यादि विषयों पर हिन्दी एवं अंग्रेजी में बोलने हेतु प्रेरित किया जाता है । बच्चे इन एक्टिविटीज को बहुत एंजॉय करते हैं ।


प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में सफल होने के लिए आत्मविश्वास व बेहतरीन वाककला का होना बहुत आवश्यक है । व्यक्तित्व विकसित करने और निखारने के लिए आत्मविश्वास अतिआवश्यक है । आत्मविश्वास के बिना हमारा मनोबल बहुत निम्न होता है । व्यक्तित्व एक बड़ा और विस्तृत शब्द है । किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी सारी खूबियाँ, सारे अच्छे-बुरे गुण आते हैं । व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत रूप है जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है । व्यक्तित्व एक व्यक्ति के संपूर्ण व्यवहार-प्रतिमान और इसकी विशेषताओं के योग का उल्लेख करता है । यदि हमारा व्यक्तित्व आकर्षक है हममें बातों को प्रस्तुत करने की अनोखी कला है तो हम आसानी से अपनी पहचान बना लेते हैं और लोगों के जेहन में हमारी छाप चिर-स्थायी रहती है । अच्छी पुस्तकें पढ़ने से भी व्यक्तित्व विकास होता है,


बच्चे जो भी पढ़ते हैं उसका प्रभाव उनके मन और मस्तिष्क पर पड़ता है। अच्छी पुस्तकें सदैव अच्छी मित्र साबित होती हैं। इसीलिए स्कूल में बच्चों के पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा की कहानियां सम्मिलित की जाती हैं जिससे बच्चों का चारित्रिक एवं मानसिक विकास हो सके। महापुरुषों की जीवनी पढ़ने से भी व्यक्तित्व का विकास होता है।